तारीख थी 26 नवंबर 1947. आजादी मिलने के ठीक 3 महीने 11 दिन बाद देश का पहला बजट पेश हो चुका था, जिसे तत्कालिन वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेट्टी ने पेश किया था. उसके बाद साल बीतते गए और हर साल देश का बजट पेश होता गया. कई अलग-अलग वित्त मंत्रियों ने देश का लेखा-जोखा संसद में पेश किया. मोरारजी देसाई, हीरूभाई एम पटेल, प्रणब मुखर्जी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह जैसे वित्त मत्रियों ने अपने बजट भाषण में ना सिर्फ तरक्की कहानी सुनाई बल्कि उसे जमीन पर उतार कर भी दिखाया. कई बार सरकार को छोटा बजट भी पेश करना पड़ा. एक बार तो ऐसा हो गया कि सरकार को पूरे साल का लेखा-जोखा 800 शब्दों में ही तय करना पड़ गया.

सबसे लंबा बजट पेश करने का है रिकॉर्ड

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इस साल सबकी निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं, जो 1 फरवरी 2025 को देश का आम बजट पेश करेंगी. यह उनका आठवां बजट होगा, जो इतिहास में पेश किए गए किसी भी वित्त मंत्री की तुलना में अधिक है. निर्मला सीतारमण के नाम देश के इतिहास में सबसे लंबे बजट भाषण का भी रिकॉर्ड है. 2020 में उन्होंने दो घंटे और 42 मिनट (सुबह 11 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक) लंबा मैराथन भाषण दिया था. उन्होंने उस भाषण में न्यू टैक्स रिजीम और LIC के IPO जैसी बड़ी घोषणाएं कीं. हालांकि, तब उनकी तबीयत ठीक ठीक नहीं थी. इसलिए वह पूरा भाषण नहीं पढ़ पाई थी तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनकी ओर से बाकी के दो पेज पढ़े थे. 

उस भाषण ने पिछले साल उनके ही बनाए रिकॉर्ड को टूट तोड़ दिया था, जिसकी टाइमिंग 2 घंटे 17 मिनट थी. हालांकि, 2022 में उन्होंने एक छोटा भाषण दिया, जो एक घंटे तीस मिनट का था, जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री बनने के बाद से उनका सबसे छोटा बजट भाषण था.

अब तक का सबसे छोटा बजट

पूर्व वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने 1977-78 के अंतरिम बजट के लिए सबसे छोटा बजट भाषण दिया था, जिसमें केवल 800 शब्द थे. जो भारतीय इतिहास का सबसे छोटा बजट भाषण था. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था, जिसमें कुल 18,650 शब्द थे. ध्यान रहे यह सर्वाधिक शब्द वाला सबसे लंबा बजट भाषण था, लेकिन सबसे अधिक समय तक संसद में खड़ा होकर बजट भाषण पढ़ने का रिकॉर्ड निर्मला सीतारमण के पास है.