सरकार के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना हो सकता है मुश्किल, ये कारण बन सकते हैं रोड़ा
fiscal deficit: नवंबर, 2018 में राजकोषीय घाटे का आंकड़ा बजट में पूरे साल के लिए अनुमानित राशि के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया था. सरकार ने अप्रैल-मार्च 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे को 6.24 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है.
सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.
सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.
जीएसटी संग्रह में कमी, बढ़ते खर्च और औद्योगिक उत्पादन की गति धीमी पड़ने से राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत पर थामने के लक्ष्य को पूरा करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. विशेषज्ञों ने यह बात कही है. यही नहीं, आम चुनावों से पहले सरकार कुछ लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा कर सकती है. इससे राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के अंतर को सीमित करने की चुनौती और बढ़ सकती है. कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के साढ़े तीन प्रतिशत के आंकड़े तक पहुंच सकता है.
घाटे का आंकड़ा तेज
नवंबर, 2018 में राजकोषीय घाटे का आंकड़ा बजट में पूरे साल के लिए अनुमानित राशि के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया था. सरकार ने अप्रैल-मार्च 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे को 6.24 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है. अप्रैल-नवंबर के बीच राजकोषीय घाटा 7.16 लाख करोड़ रुपये या लक्ष्य से 114.8 प्रतिशत अधिक रहा. यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 112 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा रहा. सरकार के राजकोष पर सबसे अधिक प्रभाव अप्रत्यक्ष कर वसूली में कमी और विनिवेश जैसे बिना कर वाले राजस्व से हो रहा है.
ये वजहें हैं जिम्मेदार
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस के उपाध्यक्ष विलियम फोस्टर ने बताया, “जीएसटी संग्रह में कमी, कम उत्पाद शुल्क और लक्ष्य से कम विनिवेश से हमें लग रहा है कि सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.4 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.” उन्होंने कहा, “रियायत या किसानों को आय के हस्तानांतरण से व्यय बढ़ने के कारण बजट के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है.” क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने इशारा किया कि राजकोषीय घाटा दबाव में है लेकिन कच्चे तेल के मोर्चे पर कुछ राहत मिलती दिख रही है.
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सरकार की प्रतिबद्धता पर भरोसा
एशियाई विकास बैंक ने वर्तमान वित्त वर्ष में वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर विश्वास जताया है. एडीबी के भारतीय मामलों के निदेशक केनिची योकोयामा ने कहा, “मेरे ख्याल से एक स्पष्ट रूपरेखा तैयार है और वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रावधान किये गए हैं. हमें इसे लेकर कोई संदेह नहीं है.”
(इनपुट एजेंसी से)
06:32 PM IST