देश के शीर्ष बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि फिनटेक को अपनाने के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है. फिनटेक की वजह से देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं. शक्तिकांत दास ने ये बातें नई दिल्ली में आयोजित 'फिनटेक कॉन्क्लेव 2019' को संबोधित करते हुए कहीं.

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नीति आयोग ने सोमवार को नई दिल्ली में फिनटेक सम्मेलन का आयोजन किया. इस सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया. इस सम्मलेन में सरकार और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा विभिन्न वित्तीय संस्थानाओं के करीब 300 प्रतिनिधि शामिल हुए.

नीति आयोग ने कहा कि इस सम्मेलन का मकसद फिनटेक में लगातार भारत की प्रधानता को आकार प्रदान करने के साथ-साथ भविष्य की रणनीतियों व नीतिगत प्रयासों की रिवायत गढ़ना है. इसके अलावा व्यापक वित्तीय समावेशन के कदमों पर विचार-विमर्श करना है.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 5 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंटस (ई- भुगतान) में 9 गुना बढ़ोत्तरी हुई है. सात नए पेमेंट्स बैंक को आरबीआई ने मंजूरी दी है और इन बैंकों ने अपना ऑपेरशन शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि Fintech सेक्टर के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की जरूरत है ताकि ग्राहकों और हितधारकों की रक्षा की जा सके. 

उन्होंने बताया कि फिनटेक के माध्यम से डिजिटल पेमेंट को और बेहतर करने एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी का नेतृत्व नंदन निलेकणि कर रहे हैं और यह कमेटी अगले तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी.

उन्होंने कहा कि फिनटेक क्रांति में भारत सबसे आगे है. ग्लोबल सर्वे के मुताबिक, फिनटेक को अपनाने में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है. भारत में फिनटेक को अपनाने की दर 52 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इस समय 1218 फिनटेक फर्म काम कर रही हैं, जिनके कारण बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हुए हैं. फिनटेक की बदौलत भारत में निवेश के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी शुरू हुई है.

सम्मेलन में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद गर्ग ने कहा कि जब हम डेटा प्रोटेक्शन कानून को बनाते हैं तो हमें ध्यान रखना होगा के इससे fintech सेक्टर में होने वाली नई तकनीक को नुकसान नहीं हो. क्योकि विदेशों में व्यक्ति के सिर्फ हेल्थ डेटा को ही संवेदनशील जानकारी मानी जाती है लेकिन हम लोग आर्थिक और हेल्थ दोनों तरह के डेटा को संवेदनशील मानते हैं.