टैक्सपेयर्स को ITR दाखिल करने में होने वाली परेशानी होगी खत्म, कंपनी को मिला 15 दिनों का अल्टीमेट
Finance Ministry: बीच मंत्रालय ने 5 मार्च को इन्फोसिस को पत्र लिखकर कड़े शब्दों में कहा था कि सिस्टम में कुछ दिक्कतों को 2018 की शुरुआत में ही बता दिया गया था जिनका अब तक समाधान नहीं किया गया है.
Finance Ministry: वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने माल एवं सेवाकर नेटवर्क (GSTN) की ‘अनसुलझी’ समस्याओं और पिछले दो साल में करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने में आने वाली विभिन्न दिक्कतों को दूर करने की ‘धीमी’ प्रगति पर कड़ा रुख अख्तियार किया है. मंत्रालय ने इसके लिए इन्फोसिस (Infosys) से 15 दिन के भीतर एक त्वरित समाधान योजना उपलब्ध कराने को कहा है. राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने इन्फोसिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ जीएसटीएन में लगातार आ रही दिक्कतों पर एक बैठक की. बैठक में फैसला किया गया कि इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि (Infosys Chairman Nandan Nilekani) 14 मार्च को जीएसटी परिषद के सामने इस बारे में एक तत्काल प्रस्तुति देंगे.
इस बीच मंत्रालय ने 5 मार्च को इन्फोसिस को पत्र लिखकर कड़े शब्दों में कहा था कि सिस्टम में कुछ दिक्कतों को 2018 की शुरुआत में ही बता दिया गया था जिनका अब तक समाधान नहीं किया गया है. महीने दर महीने इसके सुधार में विफल रहने से एक ईमानदार करदाता को ‘खीझ’ होती है.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, इंफोसिस को लिखे पत्र में मंत्रालय ने कहा कि इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि सभी लंबित मुद्दों, दैनिक आधार पर आने वाली दिक्कतों पर गौर करें और 15 दिन के भीतर भविष्य की रूपरेखा के साथ एक त्वरित समाधान योजना पेश करे.
मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इन्फोसिस ने ऊंचे अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित किए हैं और आपसे उम्मीद है कि जाती है कि इन्फोसिस जीएसटी परियोजना (Infosys GST Project) के लिए भी उतनी क्षमता से काम करेगा जिसके लिए उसे जाना जाता है.
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इन्फोसिस ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी इन्फोसिस ने जीएसटीएन के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया है. जीएसटीएन, माल एवं सेवाकर व्यवस्था के लिए प्रौद्योगिकी ढांचा उपलब्ध कराती है.