आत्मनिर्भर भारत अभियान (Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan) के तहत आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने किसान और मजदूरों को राहत देते हुए कई बड़े ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि 2 महीने में 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड दिए हैं और केसीसी के माध्यम से किसानों को 25 हजार करोड़ का ऋण दिया गया है.

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि आर्थिक पैकेज में प्रवासी मज़दूरों, स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारी, छोटे किसानों पर फोकस किया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को दिए जाने वाले फसली ऋण के भुगतान को बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है. जिन किसानों को अपने कर्ज का भुगतान पहली मार्च तक करना था, लेकिन वे लॉकडाउन के चलते भुगतान नहीं कर पाए, ऐसे किसानों को इस महीने के आखिर तक का भुगतान में राहत दी गई है. 31 मई तक भुगतान करने वाले किसानों से कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं वसूला जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों और श्रमिकों का जीवन स्तर सुधारने पर पूरा ध्यान दे रही है. सरकार ने 3 करोड़ किसानों को 4.22 लाख करोड़ का रियायती कर्ज़ दिया गया है. अब किसानों को 3 महीने तक ब्याज में छूट का फायदा मिलेगा.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर

उन्होंने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था के लिए पिछले 2 महीने में कई कदम उठाए गए हैं. कोविड के हमले के बाद भी बैंकों के जरिए गतिविधियां जारी रहीं हैं. लॉकडाउन के दौरान 63 लाख लोन दिए गए हैं.

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि MSME के पैकेज से भी मजदूर और किसानों को भी मदद मिलेगी. 

आपदा के लिए रकम का इस्तेमाल

केंद्र ने राज्य सरकारों को इजाज़त दी है कि वे आपदा के लिए रकम का इस्तेमाल कर प्रवासी मजदूरों के लिए खाने और रहने का इंतजाम कर सकें. शहरी गरीबों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से व्यवस्था की जा रही है. पिछले दो महीनों में 11 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

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14.62 करोड़ कार्य दिवस

प्रवासी मजदूरों के लिए उन्हीं के गृह जनपद में रोजगार की व्यवस्था की गई है. 13 मई तक 14.62 करोड़ कार्य दिवस तैयार किए जा चुके हैं. 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें 10,000 करोड़ दिन का काम दिया गया है.

 

दैनिक मजदूरी में इजाफा

सरकार ने दैनिक कामगारों को बड़ी राहत देते हुए उनकी मजदूरी में इजाफे का ऐलान किया है. 

मजदूरों की दिहाड़ी को 182 रुपये बढ़ाकर 202 रुपये किया गया है. इससे श्रमिकों को उन्हीं का गांव या शहर में रोजगार मिल रहा है.

न्यूनतम मजदूरी का अधिकार

केंद्र ने सभी कामगारों को न्यूनतम मजदूरी का अधिकार देने का भी प्लान तैयार किया है. सरकार की 

न्यूनतम मजदूरी में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना है. सभी कर्मचारियों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप अनिवार्य होगा. उन्होंने बताया कि सभी योजनाएं अभी पाइपलाइन में हैं. संसद में इन पर विचार होगा.

अपने जनपद में ही मिलेगा काम

वित्त मंत्री ने कहा है कि मजदूरों को काम के लिए अपने घर से दूर न भटकना पड़े, इसके लिए श्रम कानूनों में सुधार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कानून में ऐसे सुधार किए जाएंगे जिससे मजदूरों को किसी एजेंसी के जरिए नहीं बल्कि सीधे काम के लिए बुलाया जा सकेगा.

ESIC और सुरक्षा अनिवार्य

जिन संस्थाओं में 10 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं वहां ESIC का फायदा मिलेगा. खतरे वाली जगहों पर मजदूर ESIC अनिवार्य होगा. सामाजिक सुरक्षा की स्कीम को भी हर जगह लागू की जाएंगी.  रात में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा पर भी काम किया जा रहा है. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी इसमे शामिल किया जाएगा.

महिलाओं को अगर रात में काम करना पड़ता है तो उनकी हिफाजत के लिए सेफ्टी गार्ड अलग से तैनात होंगे.

एक देश एक राशन कार्ड

सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए भी कई योजनाएं तैयार की हैं. सभी प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त अनाज  मिलेगा. जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उन्हें 5 किलो चावल और एक किलो चना दिया जाएगा. राज्यों में यह मदद मजदूरों तक पहुंचाई जाएगी.

किसी भी राज्य का राशन कार्ड दिखाकर कहीं भी राशन लिया जा सकेगा. सरकार जल्द ही 'एक देश एक राशन कार्ड' योजाना लाने जा रही है. हालांकि यह योजना कई राज्यों में लागू भी हो चुकी है.

गरीबों के लिए किराए पर घर

प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम लाई जाएगी. पीएम आवास के तहत रेंटल हाउसिंग स्कीम लाई जाएगी. इस योजना के जरिए गरीबों को कम किराए पर रहने के लिए घर मिलेगा.

MUDRA शिशु लोन में राहत

मुद्रा शिशु लोन योजना के तहत लोन लेने वाले लोगों को ब्याज में राहत देने का ऐलान किया है. मुद्रा योजना के तहत लोन लेने वाले लोगों को ब्याज में 2 फीसदी तक की छूट देने की घोषणा की गई है. इस योजना के माध्यम से लगभग 3 करोड़ को फायदा मिलने वाला है. इस मद में 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. 

बता दें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट अर्थव्यस्था को उबरने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. कल वित्त मंत्री ने इस पैकेज की पहली किस्त की जानकारी देते हुए एमएसएमई सेक्टर को दिए जाने वाली आर्थिक मदद का ऐलान किया था.