वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद सभी मंत्रालयों के साथ बैठक की. बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि सभी मंत्रालयों को सर्विस प्रोवाइडर की पेमेंट जारी करने के आदेश दिए गए है. उन्होंने कहा सभी MSME, सर्विस प्रोवाइडर के बकाए का भुगतान जल्दी हो जाना चाहिए. वित्त मंत्री ने सभी मंत्रालयों से चार तिमाही के कैपेक्स यानी कैपिटल एक्पेंडीचर का प्लान मांगा है.

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आपको बता दें कि कैपिटल एक्सपेंडीचर का मतलब सरकार के उन खर्चों से होता है, जिनके जरिए न सिर्फ ऐसेट तैयार होता है बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके भी बनते हैं. ये खर्च ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी हैं इसे ही हम कैपिटल एक्सपेंडीचर कहते हैं. पूंजीगत खर्च में एसेट खरीदने पर खर्च या इनवेस्‍टमेंट और राज्‍य सरकारों को दिया गया लोन शामिल होता है. 

PSEs के साथ बैठक कल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी मंत्रालयों के साथ कैपिटल एक्पेंडीचर को लेकर चर्चा की. मंत्रालयों ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में वो सभी बकाया का भुगतान कर देंगे. शनिवार को वित्त मंत्री देश की बड़ी CPSEs (Central Public Sector Enterprises) कंपनियों के अधिकारियों से मिलेंगी.

एक्सपेंडीचर सचिव ने कहा है कि सरकार अगली दो तिमाहियों तक कैपेक्स की निगरानी करेगी. उन्होंने कहा कि अधिकांश सरकारी विभागों ने इस वित्तीय वर्ष में अपनी कुल योजनाओं का 50 फीसदी खर्च किया है.

राजकोषीय घाटा लक्ष्य में नहीं होगा संशोधन

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कॉरपोरेट टैक्स घटाने के बाद राजकोषीय घाटा लक्ष्य में संशोधन या खर्च में किसी प्रकार की कटौती करने की सरकार का कोई इरादा नहीं है. विनिर्माताओं को खुश करने, निजी निवेश और खपत बढ़ाने और छह साल के निचले स्तर पर जा चुकी देश की आर्थिक विकास दर में सुधार लाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की गई है.

कॉरपोरेट टैक्स घटाने से राजकोष को 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा. सीतारमण ने कहा राजकोष में आने वाली इस कमी को पूरा करने के लिए खर्च में कटौती करने की सरकार की कोई योजना नहीं है.