आज दुनिया की हर तकनीक स्मार्टफोन (Smartphones) से जुड़ चुकी है. स्मार्टफोन ने लोगों के जीवन को बहुत आसान बना दिया है. खेती-किसानी (Agriculture) के लिए भी स्मार्टफोन बहुत ही कारगर साबित हो रहे हैं. साल 2022 तक किसानों की आमदनी (Farmers Income) दोगुनी करने के मोदी सरकार (Modi Government) के टारगेट को पूरा करने के लिए स्मार्टफोन भी अहम रोल निभा रहे हैं.

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इस कड़ी में कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने किसानों के कुछ कामों का आसान बनाने के लिए दो ऐप (Mobile App) लॉन्च किए है. इन ऐप की मदद से खेती-किसानी में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी, तकनीक और उन्नत किस्म के बीजों के बारे में घर बैठ जानकारी हासिल की जा सकती है. जानकारी के साथ इन सुविधाओं का फायदा भी उठाया जा सकता है.

एग्रीकल्चर मिनिस्टरी ने एंड्रायड मोबाइल पर दो ऐप ऐसे लांच किये हैं जो किसानों का काम आसान कर सकते हैं. ये ऐप ठीक ऐसे काम करेंगे जैसे बाकी खरीद-बिक्री वाले ऐप काम करते हैं.

ऐप पर मिलेंगे ट्रेक्टर और थ्रेशर

पहला ऐप CHC Farm Machinery है जिसमें किसान मशीनों, उपकरणों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं. इस ऐप से मशीनों को किराए पर लिया जा सकता है. CHC Farm Machinery ऐप पर मशीन-उपकरण देने वाले 40,000 सेंटर मौजूद है. इस ऐप से अब तक 1.21 लाख किसान जुड़ चुके हैं. लेन-देन के मामले में किसान रेटिंग के आधार पर फीडबैक देंगे. ज़रुरी नहीं कि इन 40,000 सेंटर से ही किसान लेन-देन करेंगे बल्कि इस ऐप से किसान आपस में भी मशीनों की खरीद-फरोख्त या उनका किराए पर लेना-देना कर सकते हैं.

उन्नत बीज और तकनीक

एक दूसरा ऐप है Krishi Kisan App. इस ऐप से किसान उन खेतों की लोकेशन देख सकेंगे जहां सरकार अच्छे बीज और उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. इस पर प्रयोग के नतीजे के आधार पर किसान उन बीजों और तकनीक को अपने खेत के लिये हासिल भी कर सकते हैं.

Krishi Kisan App में खेत की जियो टैगिंग, जियो फैंसिंग भी की जाएगी. फिलहाल इस मोबाइल ऐप पर देश के 4 ज़िलों के खेतों में चल रहे प्रयोग और उसके नतीजे देख सकते हैं. ये ज़िले है गुजरात में राजकोट, महाराष्ट्र में नांदेड़, मध्य प्रदेश में भोपाल, उत्तर प्रदेश का बनारस है.

 

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर किसानों को आ रही परेशानी दूर करने के लिए ये ऐप तैयार किए हैं. इन ऐप की वजह से छोटे-बड़े किसान अपने उपकरण, मशीनों की ज़रूरत पूरा कर सकेंगे. वहीं नए बीज - नई तकनीक की सटीक जानकारी भी किसानों को मिलती रहेगी. 

ये ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए जा सकते हैं.

(रिपोर्ट- भूपींद्र सोनी)