Affordable Credit to MSMEs: प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बीच निर्यातकों ने नकदी की कमी के कारण एमएसएमई (MSMEs) को किफायती और आसान शर्तों पर लोन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप का आग्रह किया है. निर्यातकों के शीर्ष संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (ECLGS) को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने का भी अनुरोध किया है.

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इसके अलावा फियो ने एमएसएमई विनिर्माताओं के लिए 5% ब्याज सब्सिडी लाभ को बहाल करने की भी मांग की है. पत्र में कहा गया है कि वैश्विक नरमी के कारण निर्यात में गिरावट के चलते कुछ एमएसएमई क्षेत्र प्रभावित हुए.

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कुल निर्यात में MSMEs की हिस्सेदारी करीब 40%

ऐसे में फियो ने ईसीएलजीएस (ECLGS) को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाने का आग्रह किया है क्योंकि इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को इस कठिन समय से उबरने में मदद मिलेगी.  देश के कुल निर्यात में एमएसएमई की हिस्सेदारी करीब 40% है.

व्यापार घाटा 10 महीने के हाई पर

वैश्विक मांग में कमी के कारण पेट्रोलियम (Petroleum) और रत्न एवं आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों से निर्यात में गिरावट के कारण अगस्त में भारत का निर्यात 6.86% घटकर 34.48 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. इस दौरान व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) 10 महीने के उच्चतम स्तर 24.16 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया.

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जिन निर्यात क्षेत्रों को अगस्त में दबाव का सामना करना पड़ा, उनमें चाय, कॉफी, चावल, मसाले, चमड़ा, रत्न और आभूषण, कपड़ा और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं.