RBI Governor with Anil Singhvi: रिजर्व बैंक गवर्नर के रूप में जब शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने कार्यभार संभाला, तब देश का फॉरेक्‍स रिजर्व करीब 400 अरब डॉलर था. आज यह 600 अरब डॉलर के आसपास है. सबसे बड़े रिजर्व के मामले में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है. ग्‍लोबल माहौल को देखते हुए क्‍या रिजर्व बैंक कर्म्‍फेटबल है कि फॉरेक्‍स रिजर्व पर्याप्‍त है या ज्‍यादा है या और बढ़ने चाहिए. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) के साथ एक एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने इस सवाल का विस्‍तार से जवाब दिया.

अर्थव्‍यवस्‍था का एक सॉलिड बैकबोन

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RBI गवर्नर शक्तिकांता दास का कहना है कि हमारे फॉरेक्‍स रिजर्व की जो मौजूदा स्थिति है, वह मजबूत है. दमदार फॉरेक्‍स रिजर्व हमारी अर्थव्‍यवस्‍था का एक सॉलिड बैकबोन है. यह एक स्‍ट्रॉन्‍ग बफर है. करेंसी मार्केट हो या फाइनेंशियल मार्केट, इतना उथल-पुथल हो रहा है, लेकिन हमारा जो 600 अरब डॉलर का स्‍ट्रॉन्‍ग फॉरेक्‍स रिजर्व है, उसके चलते मार्केट या इंटरनेशनल इन्‍वेस्‍टर्स को एक भरोसा है कि आरबीआई का फॉरेक्‍स रिजर्व मजबूत है. ऐसे में किसी भी तरह का संकट होगा तो, भारत उनसे निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है.

हमने मौके का इस्‍तेमाल किया

आरबीआई गवर्नर कहते हैं, रिजर्व बैंक ने जो फॉरेक्‍स रिजर्व बनाया, वो एक अवसर था और हमने उसका इस्‍तेमाल किया. बीते दो-तीन साल में फॉरेक्‍स इनफ्लो बहुत था और हमें यह मौका मिला कि हम फॉरेक्‍स रिजर्व बढ़ाए. हमने इस मौके का इस्‍तेमाल किया. क्‍योंकि, एक जब इनफ्लो होता है, तो आगे आउटफ्लो भी होगा. यानी, यह एक साइकिल है. इसलिए जब आउटफ्लो की स्थिति सामने आएगी, उसके लिए हमको तैयार रहना चाहिए. इसलिए हमने इसके बढ़ाया था और आज यह एक स्‍ट्रॉन्‍ग बफर की तरह काम कर रहा है.

फॉरेक्‍स रिजर्व का क्‍या हो लेवल 

शक्तिकांता दास का कहना है, जहां तक बात फॉरेक्‍स रिजर्व के लेवल की है, तो इसके कई तरह के मानक हैं. जैसेकि एक निश्चित महीने के इम्‍पोर्ट बिल पेमेंट के बराबर या जीडीपी के एक निश्चित अनुपात में रिजर्व होना चाहिए. ऐसे कई मैथड हैं. लेकिन उसको अलग रखिए. मौजूदा फॉरेक्‍स रिजर्व की स्थिति काफी मजबूत है और इसी के चलते हमने रुपी एक्‍सचेंज रेट में काफी स्थिरता बनाए रखी है.