कच्चे तेल और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन घटने की वजह से आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर फरवरी में घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई. सोमवार को

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जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. एक साल पहले फरवरी, 2018 में आठ बुनियादी उद्योगों- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही थी. समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन क्रमश: 6.1 प्रतिशत और 0.8 प्रतिशत घट गया. 

इसी तरह उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर क्रमश: 2.5 प्रतिशत, 4.9 प्रतिशत, 8 प्रतिशत तथा 0.7 प्रतिशत रही. इससे पिछले साल के समान महीने में इन क्षेत्रों का उत्पादन क्रमश: 5.2 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 23 प्रतिशत और 4.6 प्रतिशत बढ़ा था. हालांकि, फरवरी में कोयले और प्राकृतिक गैस का उत्पादन क्रमश: 7.3 प्रतिशत और 3.8 प्रतिशत बढ़ा. 

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बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर के सुस्त पड़ने का असर कुल औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) पर पड़ेगा. औद्योगिक उत्पादन में बुनियादी उद्योगों का हिस्सा 41 प्रतिशत है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2018-19 वित्त वर्ष की अप्रैल से फरवरी की अवधि में आठ बुनियादी उद्योगों की औसत वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत पर स्थिर रही.