भारत की विकास दर इस साल 7 से 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान, चुनौतियां भी कम नहीं
चालू खाते का अधिशेष और केंद्रीय राजकोषीय घाटा क्रमश: जीडीपी का शून्य से नीचे 2.3 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
भारतीय अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7 से 7.4 प्रतिशत रहेगी. आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लॉयड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने यह अनुमान लगाया है. एनसीएईआर की गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि का वास्तविक सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं वास्तविक उद्योग जीवीए सात प्रतिशत रहेगा.
एनसीएईआर ने अर्थव्यवस्था की मध्यावधि समीक्षा में कहा गया है कि आधार मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) 7 से 7.4 प्रतिशत रहेगा. इसमें कहा गया है कि ये अनुमान स्थिर मूल्य (2011-12) पर एनसीएईआर के वार्षिक जीडीपी के वृहद मॉडल पर आधारित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 7.4 से 7.7 प्रतिशत रहेगी. डॉलर मूल्य पर निर्यात और आयात की वृद्धि दर क्रमश: 11.8 प्रतिशत और 16.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसी तरह चालू खाते का अधिशेष और केंद्रीय राजकोषीय घाटा क्रमश: जीडीपी का शून्य से नीचे 2.3 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
दूसरी तिमाही में 7.5 से 7.6 प्रतिशत का अनुमान
देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की दर तिमाही दर तिमाही आधार पर घट कर दूसरी तिमाही में 7.5 से 7.6 प्रतिशत तक रह सकती है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने हाल ही में एक शोध रिपोर्ट में कहा है कि मुख्यत: ग्रामीण बाजार में नरमी की वजह से वृद्धि प्रभावित हुई है. बैंक की 'एसबीआई इकोरैप' रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई के संपूर्ण प्रमुख सूचकांक (सीएलआई) सितंबर तिमाही में वृद्धि दर में हल्की गिरावट का संकेत दे रहे हैं.
इन सूकांकों में 21 अलग अलग सूचकांक शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र की मांग धीमी होने से सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) आधारित वृद्धि दर दूसरी तिमाही में (जुलाई-सितंबर) में 7.3 से 7.4 रह सकती है. इकोरैक के मुताबिक, सितंबर तिमाही में जीवीए वृद्धि पर करीब 0.3 प्रतिशत का फर्क पड़ेगा. कर संग्रह के आधार पर सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.5 से 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
(इनपुट एजेंसी से)