2008 में आर्थिक संकट की सटीक भविष्यवाणी करने वाले इकोनॉमिस्ट ने फिर किया सावधान, कहा- आने वाली है खतरनाक मंदी
Roubini Macro Associates के CEO और चेयरमैन नूरील रूबिनी ने कहा मंदी की शुरुआत 2022 के अंत से होगी, जो 2023 के आखिर तक चलेगी.
दुनियाभर में मंदी की आशंका से चिंताएं बढ़ी रही है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां ग्लोबल ग्रोथ हो या घरेलू ग्रोथ की रफ्तार कमजोर होने की उम्मीद जा रही हैं. इस कड़ी में जाने माने इकोनॉमिस्ट नूरील रूबिनी का भी नाम जुड़ गया है, जिनका मानना है कि खतरनाक मंदी आने वाली है.
कब आ सकती है मंदी?
Roubini Macro Associates के CEO और चेयरमैन नूरील रूबिनी ने कहा मंदी की शुरुआत 2022 के अंत से होगी, जो 2023 के आखिर तक चलेगी. इस दौरान अमेरिकी बाजार में भयानक बिकवाली रहेगी. S&P 500 करीब 30 फीसदी तक गिर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि अगर गिरावट तेज रही तो इंडेक्स 40 फीसदी तक टूट सकते हैं.
अमेरिकी इकोनॉमिस्ट ने इससे पहले 2007-2008 में हाउसिंग बबल के क्रैश से उठे संकट के बारे में सटीक भविष्यवाणी की थी. इसके वे काफी चर्चा में थे. उन्हें डॉक्टर डूम (Dr. Doom) के नाम से भी जाना जाने लगा था.
महंगाई को दायरे में लाना असंभव मिशन
उन्होंने कहा कि महंगाई दर 2% तक लाना फेड के लिए एक असंभव मिशन जैसा होगा. माना जा रहा है कि इस साल के अंत में फेड दरों को 4% से 4.25% के बीच ले जाया जाएगा। नूरील रूबिनी ने कहा कि जिन्हें US में मामूली गिरावट की उम्मीद है, उन्हें कॉर्पोरेशंस और गवरमेंट्स के हाई डेट रेश्यो को देखना चाहिए. अब जैसे-जैसे ब्याज दरें और सर्विस कॉस्ट बढ़ती है वैसे-वैसे बहुत सारे जोंबी संस्थान, जोंबी हाउसहोल्ड्स, बैंक, NBFC और जोंबी देश घुटकर मरने लगते हैं.
निवेशकों को क्या रणनीति बनानी चाहिए?
उन्होंने निवेशकों से कहा कि इक्विटी में निवेश कम करने और कैश पर फोकस करना चाहिए. कैश से ही महंगाई को कम किया जा सकता है. क्योंकि इक्विटी और अन्य असेट्स में 10-30 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. फिक्स्ड इनकम पर उन्होंने कहा कि लंबी अवधि के बॉन्ड्स से दूर रहना चाहिए और शॉर्ट टर्म ट्रेजरी, इंफ्लेशन इंडेक्स बॉन्ड रखना चाहिए.
मंदी किसे कहते हैं?
मंदी यानी किसी भी चीज़ का लंबे समय के लिए मंद या सुस्त पड़ जाना होता है. इकोनॉमी के लिहाज से जब इसे देखते हैं तो उसे आर्थिक मंदी कहते हैं. आसान भाषा में समझें तो जब किसी इकोनॉमी में लगातार 2 तिमाहियों में GDP ग्रोथ घटती है, तो उसे तकनीकी रूप से मंदी कहते हैं.