यहां हर आदमी के पास हैं दो मोबाइल फोन, जमकर उठा रहे हैं हवाई यात्रा लुत्फ
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि मानव विकास के पैमाने पर भी राज्य में बेहतरीन उपलब्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2011 से 2018 के बीच बिहार में प्रति वयक्ति विकास व्यय 15.8 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ा है.
कहते हैं कि भागदौड़ भरे इस युग में आदमी की उम्र घट रही है. आधुनिक सुविधाएं काम करने के तौर-तरीके को तो आसान बना रही हैं, लेकिन जीवन अब ज्यादा संघर्षमय हो गया है, जिसके कारण औसत उम्र घट रही है. लेकिन बिहार सरकार द्वारा पेश आर्थिक सर्वे में दावा किया गया है कि बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय और सकारात्मक सफलता दर्ज की गई है. यहां वर्ष 2012-16 की अवधि में जन्मकालीन जीवन संभाव्यता 2006-10 के 65.8 से बढ़कर 68.7 हो गई है. यानी इस अवधि में औसत उम्र 2 वर्ष 9 महीने बढ़ गई है.
बता दें कि बिहार विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को शुरू हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस बार 13वां आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 सदन में रखा गया.
आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा में पेश
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि पिछले दो वर्षों से बिहार की औसत आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रिय औसत से भी ज्यादा है. 2017-18 में बिहार की अर्थव्यवस्था का वृद्धि दर 11.3 है जो देशभर में सर्वाधिक है. बिहार की प्रतिव्यक्ति आय भी 31,316 रुपये हो गई है.
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि मानव विकास के पैमाने पर भी राज्य में बेहतरीन उपलब्धि दर्ज की गई है. वर्ष 2011 से 2018 के बीच बिहार में प्रति वयक्ति विकास व्यय 15.8 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ा है. राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सकारात्मक सफलता दर्ज की गई है. 2012-16 की अवधि में राज्य के लिए जन्मकालीन जीवन संभाव्यता 2006-10 के 65.8 से बढ़कर 68.7 हो गई है. यानी इस अवधि में औसत उम्र 2 वर्ष 9 महीने बढ़ गई है.
बढ़ी हवाई यात्रियों की संख्या
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में 2016-17 में 21 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की. जबकि, 2017-18 में यह बढ़कर 31 लाख, 11 हज़ार हो गई. वाहनों की खरीद के मामले में भी वर्ष 2011-12 में 4 लाख, 39 हज़ार चारपहिया वाहनों की खरीद हुई वहीं, 2017-18 में यह संख्या बढ़कर 11 लाख, 18 हज़ार हो गई. इसी तरह मोबाइल के उपयोग मामले में भी बिहार आगे है. शहरी क्षेत्र में यहां प्रति 100 व्यक्ति 221 मोबाईल हैं. यानी हर व्यक्ति के पास 2 या उससे ज्यादा मोबाइल फोन हैं. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा प्रति 100 व्यक्ति 44 है.
बिहार में बच्चों के लिए बजट निर्माण की प्रक्रिया 2013-14 में शुरू की गई और 2013-14 से 2017-18 के बीच बच्चों के लिए समग्र आवंटन में 21.5 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ाया गया है.
(रजनीश/पटना)