Economic Survey 2023: कोविड महामारी के दो साल बाद बढ़ने लगी हैं घरों की कीमत, घट रही है खाली फ्लैट की संख्या
Economic Survey 2023: वित्त वर्ष में होम लोन पर बढ़ती ब्याज दरों और संपत्ति की कीमतों में वृद्धि (Housing Prices increase) जैसी बाधाओं के बावजूद घरों की बिक्री बढ़ी है.
Economic Survey 2023: घरों के दाम (Housing Prices) कोरोना काल (covid-19) के दो साल के दौरान मंदा रहने के बाद अब फिर चढ़ने शुरू हुए हैं. मांग बढ़ने से खाली पड़े घरों की संख्या भी कम हो रही है. मंगलवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई. समीक्षा में कई निर्माण सामग्रियों पर आयात शुल्क कम किए जाने से आवासीय संपत्तियों के दाम कम होने की उम्मीद जताई गई है. आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) 2023 में यह बात कही गई है.
बाधाओं के बावजूद housing sales बढ़ी
समीक्षा के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में होम लोन पर बढ़ती ब्याज दरों और संपत्ति की कीमतों में वृद्धि (Housing Prices increase) जैसी बाधाओं के बावजूद घरों की बिक्री बढ़ी है. इससे देश के संपत्ति बाजार में सुधार आया है. समीक्षा में कहा गया है कि होम लोन की मांग बढ़ने की वजह से दबी मांग का निकलना है. समीक्षा में कहा गया कि वैश्विक सप्लाई को प्रभावित करने वाले रूस-यूक्रेन युद्ध से निर्माण लागत बढ़ने के चलते घरों के दाम चढ़े थे.
लागत में कमी आएगी
सीमेंट, लाइम और प्लास्टर के लिए होलसेल प्राइस इंडेक्स दिसंबर 2021 के 127.1 के मुकाबले दिसंबर 2022 में 137.6 हो गया, जो बताता है कि इस दौरान (real estate in India) कंस्ट्रक्शन के इनपुट की बढ़ती लागत के संकेत देता है. इसके अलावा, सरकार की तरफ से हाल में लिए फैसले जिसमें स्टील प्रोडक्ट्स और आयरन ओर पर इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी का असर देखने को मिलेगा. इससे लागत में कमी आएगी.
इस साल घरों की बिक्री में भारी तेजी
सर्वे में कहा गया है कि इस साल घरों की बिक्री (Housing sales 2023)में भारी तेजी देखने को मिली है. वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घरों की बिक्री और नए घरों के लॉन्च होने की संख्या कोविड के पहले के लेवल (2020 की दूसरी तिमाही) को पार कर गई है.सर्वे में कहा गया कि कोविड (covid-19) महामारी ने हर सेक्टर को प्रभावित किया. इसमें रीयल एस्टेट सेक्टर (Economic Survey 2023) अलग नहीं था. कोविड और दूसरी वजहों के चलते प्रोजेक्ट्स में देरी हुई.कीमतें स्थिर (Housing prices) हो गईं. डेवलपर्स के लिए फंड की समस्य़ा खड़ी हुई.
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