इकोनॉमिक सर्वे: ग्रोथ फिर पकड़ेगी रफ्तार, वित्त मंत्री ने GDP 6-6.5% रहने का जताया भरोसा
मोदी सरकार 2.0 का दूसरा इकोनॉमिक सर्वे है. इकोनॉमिक सर्वे के साथ ही आज से संसद का बजट सत्र भी शुरू हो गया.वित्त वर्ष 2020-21 के लिए देश की GDP ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने का भरोसा जताया है. फिलहाल, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2020 (Economic Survey 2020) पेश कर दिया है. मोदी सरकार 2.0 का दूसरा इकोनॉमिक सर्वे है. इकोनॉमिक सर्वे के साथ ही आज से संसद का बजट सत्र भी शुरू हो गया. इकोनॉमिक सर्वे में सबसे अहम बात देश की आर्थिक रफ्तार को लेकर है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए देश की GDP ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने का भरोसा जताया है. फिलहाल, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी है. संसद में आज जारी किए गए इकोनॉमिक सर्वे 2020 में सरकार ने भरोसा जताया कि आने वाले समय में ग्रोथ एक बार फिर रफ्तार पकड़ेगी.
इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश
- वित्त मंत्री ने इकोनॉमिक सर्वे पेश किया.
- FY21 में GDP ग्रोथ 6-6.5% रहने का अनुमान.
- FY20 में GDP ग्रोथ 5% रहने का अनुमान.
- FY20 में वित्तीय घाटा लक्ष्य बढ़ाने की जरूरत.
- FY20 टैक्स कलेक्शन अनुमान से कम रहने की आशंका.
- बेवजह खर्चो में कटौती की जरुरत.
- H2 FY20 में ग्रोथ पटरी पर लौटने की उम्मीद.
- छोटे बेस के कारण FY21 ग्रोथ में मजबूत रिकवरी संभव.
- सरकारी खर्च बढ़ाने के लिए सब्सिडी घटाने की जरूरत.
- सरकारी खर्च में सुधार इकोनॉमी के लिए अहम.
- सरकारी खर्च में कटौती से ग्रोथ पर असर संभव.
- टैक्स कलेक्शन में सुधार GST राजस्व पर निर्भर.
- वित्तीय घाटा कम करने के लिए खाद्य सब्सिडी में कमी अहम.
- सरकारी खर्च बढ़ने से निजी निवेश में बढ़ोतरी संभव.
- देश में घरों की कीमतें काफी ऊंची.
- बिना बिके मकानों की कीमत कम करें बिल्डर.
- घरों की बिक्री बढ़ने से बैंक, NBFC को फायदा होगा.
- महंगाई में बढ़ोतरी से मांग पर असर.
- ग्लोबल टेंशन का एक्सपोर्ट पर असर जारी रह सकता है.
- टैक्स कलेक्शन में कमी से सरकारी इंफ्रा खर्च, निवेश में कमी.
- ग्लोबल ग्रोथ कमजोर रहने की आशंका.
- US-ईरान तनाव से क्रूड कीमतें बढ़ सकती हैं.
- औद्योगिक उत्पादन में रिकवरी के संकेत.
- क्रूड बढ़ने से रुपया कमजोर हो सकता है.
- US-ईरान तनाव से विदेशी निवेश कम हो सकता है.
टैक्स कलेक्शन कम रहने का अनुमान
- FY20 में टैक्स कलेक्शन अनुमान से कम रहने की आशंका.
- FY20 में वित्तीय घाटा लक्षय बढ़ाने की ज़रुरत.
- सरकारी खर्च में सुधार इकोनॉमी के लिए बेहतर.
- यूएस-ईरान में तनाव से रुपये में कमज़ोरी संभव.
- यूएस-ईरान में तनाव से विदेशी निवेश में कमी संभव.
- औद्योगिक उत्पादन में रिकवरी के संकेत.
- घरों की बिक्री बढ़ने से बैंक और NBFC को फ़ायदा होगा.
- यूएस-ईरान में तनाव से कच्चे तेल की क़ीमतें बढ़ने की संभावना.
राष्ट्रपति कोविंद का संबोधन
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने बजट की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA 2019), राममंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों की परिपक्वता, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 (Article-370) को हटाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इससे कश्मीर के लोगों को वही अधिकार मिले हैं, जो पूरे देश को मिलते हैं. इससे कश्मीर का विकास होगा. वहीं, उन्होंने पीएम-किसान (Pm-Kisan) योजना का भी जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि तीन तलाक कानून, उपभोक्ता कानून, चिटफंड कानून, बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए सजा का कानून बनाया गया.