सरकार ने गुरुवार को अगले वित्त वर्ष (FY25) के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपए की डिविडेंड इनकम का अनुमान रखा है. सरकार चालू वित्त वर्ष में 48,000 करोड़ रुपए के बजट अनुमान के मुकाबले 1.04 लाख करोड़ रुपए का डिविडेंड प्राप्त करने के रास्ते पर है. चालू वित्त वर्ष का अनुमान बजट अनुमान से अधिक है. इसका कारण यह है कि RBI ने पिछले साल मई में 87,416 करोड़ रुपए का डिविडेंड दिया था. 

CPSE से 43000 करोड़ डिविडेंड का अनुमान

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पिछले वित्त वर्ष यानी FY23 में सरकार ने RBI और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 39,961 करोड़ रुपए जुटाए थे. इस बीच, सरकार ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSE) से डिविडेंड भुगतान के रूप में 43,000 करोड़ रुपए की प्राप्ति का अनुमान लगाया है. 

FY25 में 1.5 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य

चालू वित्त वर्ष के दौरान अन्य निवेश भी बढ़कर 50,000 करोड़ रुपए हो गया. कुल मिलाकर, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में RBI, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्रीय लोक उपक्रमों से डिविडेंड के रूप में 1,54,407 करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान रखा है. अगले वित्त वर्ष के लिए यह 1.50 लाख करोड़ रुपए है. 

फिस्कल डेफिसिट कंट्रोल लाने में मिलेगी मदद

कर संग्रह में सुधार के अलावा, बैंकों और वित्तीय संस्थानों से मिलने वाले अधिक डिविडेंड से राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. सरकार ने अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 5.1 फीसदी पर लाने और 2025-26 में इसे 4.5 फीसदी के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है.