प्रत्यक्ष कर संग्रह अब तक अनुमान का महज 48 प्रतिशत, आगे चुनौती बरकरार
बीते वर्ष की तुलना में आयकर रिटर्न में 50 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद यह प्रत्यक्ष कर संग्रह में मात्र 15.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है.
बीते वर्ष की तुलना में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, इस वर्ष नवंबर तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.75 लाख करोड़ रुपये रहा. सोमवार को जारी आंकड़े से यह जानकारी मिली है. बीते वर्ष की तुलना में आयकर रिटर्न में 50 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद यह प्रत्यक्ष कर संग्रह में मात्र 15.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. सरकार ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान संग्रह समेत आय घोषणा योजना के तहत 10,833 करोड़ रुपये की संग्रहित राशि मौजूदा वर्ष के संग्रह का भाग नहीं है.
वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "कुल कर संग्रह में से, 1.23 लाख करोड़ रुपये के रिफंड को अप्रैल-नवंबर के दौरान जारी किया गया, जोकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 20.8 प्रतिशत ज्यादा है."
बयान के अनुसार, "अप्रैल-नवंबर के दौरान कुल संग्रह (रिफंड का समायोजन करने के बाद) में 5.51 लाख करोड़ रुपये (14.7 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज की गई है. कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2019 के प्रत्यक्ष कर के कुल अनुमान (11.5 लाख करोड़) का 48 प्रतिशत है."
बयान के अनुसार, कॉरपोरेट आयकर में 17.7 प्रतिशत और निजी आयकर संग्रह में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पिछले सप्ताह, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने कहा था कि निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए अबतक छह करोड़ से ज्यादा आयकर रिटर्न भरे जा चुके हैं, जिसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 50 प्रतिश की वृद्धि हुई है. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई थी कि सरकार 11.5 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी.
(इनपुट एजेंसी से)