देश की विकास को गति देने में मददगार हो सकता है डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर- सीतारमण
वित्त मंत्री ने कहा, सरकार के साथ प्राइवेट सेक्टर की भी भागीदारी से विकसित डीपीआई मजबूत, समावेशी, जुझारू और टिकाऊ इकोनॉमिक ग्रोथ हासिल करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर(DPI) के प्रारूप को समावेशी बताते हुए कहा है कि यह देशों की विकास प्रक्रियाओं को गति देने और अधिकतम लाभ पहुंचाने में मददगार हो सकते हैं. सीतारमण ने यहां मुद्रा कोष की तरफ से डीपीआई पर आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि कहा कि सरकार के साथ प्राइवेट सेक्टर की भी भागीदारी से विकसित डीपीआई मजबूत, समावेशी, जुझारू और टिकाऊ इकोनॉमिक ग्रोथ हासिल करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत में डीपीआई ने लक्षित, त्वरित एवं सक्षम सेवा देने में बड़ा योगदान दिया है. इन डिजिटल बुनियादी ढांचों से भारत आबादी के बड़े हिस्से तक प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने में सफल रहा है.
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इस अवसर पर आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स के सहयोग से तैयार डीपीआई पहुंच से बाहर के लोगों तक पहुंचने के लिए विकास को बहुत तेज कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत जैसे देशों के अनुभवों से सबक लिया जा सकता है.
इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कहा कि भारत में डीपीआई के सफल होने के पीछे राजनीतिक इच्छाशक्ति एक बड़ा कारण रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण कोई भी सार्वजनिक नीति लागू करते समय उसे डिजिटल ढंग से अंजाम देने पर अधिक जोर देते हैं.
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Crypto एसेट्स पर वित्त मंत्री ने दी चेतावनी
सीतारमण ने कहा है कि क्रिप्टो एसेट्स एक ऐसा मुद्दा है जिस पर जी20 (G20) को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है और हमारी प्रतिक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए है कि हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान से बचाते हुए कोई संभावित लाभ नहीं खोएं.
भारत वर्तमान में जी20 देशों की रोटेटिंग वार्षिक अध्यक्षता करता है. क्रिप्टो से संबंधित मुद्दे जी20 देशों के बीच चर्चा के एक प्रमुख बिंदु के रूप में उभरे हैं और इस क्षेत्र को विनियमित करने की तात्कालिकता के बारे में सदस्य देशों के बीच एकमत नहीं है। इस मुद्दे पर विचार-मंथन सत्र में वैश्विक विशेषज्ञों ने भाग लिया.
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