Diesel लगातार पांचवें दिन भी हुआ सस्ता, पेट्रोल के दाम में आज नहीं हुआ कोई बदलाव
Diesel price: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल में फिर नरमी देखी जा रही है जिससे पेट्रोल और डीजल के भाव में और राहत मिलने की उम्मीद बनी हुई है. कच्चे तेल की दुनियाभर में मांग कमजोर रहने के कारण कीमतों में फिर नरमी देखी जा रही.
डीजल के दाम में सोमवार को लगातार पांचवें दिन गिरावट का सिलसिला जारी रहा हालांकि पेट्रोल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ. एक दिन पहले तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में कटौती की थी. देश के चार प्रमुख महानगरों- दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल सोमवार को फिर छह पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है. इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल में फिर नरमी देखी जा रही है जिससे पेट्रोल और डीजल के भाव में और राहत मिलने की उम्मीद बनी हुई है.
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम पूर्ववत क्रमश: 71.99 रुपये, 74.69 रुपये, 77.65 रुपये और 74.78 रुपये प्रति लीटर बने रहे. हालांकि, चारों महानगरों में डीजल के दाम भी घटकर क्रमश: 65.43 रुपये, 67.81 रुपये, 68.60 रुपये और 69.13 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं.
कच्चे तेल की दुनियाभर में मांग कमजोर रहने के कारण कीमतों में फिर नरमी देखी जा रही. इंटरनेशनल वायदा बाजार इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज पर सोमवार को बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के अक्टूबर वायदा अनुबंध में 0.09 फीसदी की कमजोरी के साथ 58.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था. वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के सितंबर डिलीवरी अनुबंध में 0.20 फीसदी की कमजोरी के साथ 54.39 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था.
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर का साया पूरी दुनिया पर पड़ा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती का माहौल है. लिहाजा कच्चे तेल की खपत मांग कमजोर रहने से कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है.
ब्रेंट क्रूड का भाव अगस्त महीने में अब तक सात डॉलर प्रति बैरल घट चुका है. वहीं, इस साल सबसे ऊंचे भाव से तुलना करें तो पिछले करीब साढ़े तीन महीने में ब्रेंट क्रूड का दाम करीब 17 डॉलर प्रति बैरल घट गया है. गौरतलब है कि 25 अप्रैल को आईसीई पर ब्रेंट क्रूड का भाव 75.60 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था.