वाणिज्य मंत्रालय (Commerce Ministry) की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चीन से तीन उत्पादों के आयात की डंपिंग-रोधी जांच शुरू की है. इन उत्पादों में बिना फ्रेम वाला कांच का शीशा (Unframed Glass Mirrors) और फास्टनर (Fasteners) शामिल है. सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) को पड़ोसी देश से सस्ते आयात से सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आमतौर पर डंपिंग-रोधी जांच घरेलू उत्पादकों द्वारा दायर आवेदन के आधार पर शुरू की जाती है. लेकिन कई बार छोटे-मोटे उद्योगों को इसके लिए प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होती, ऐसे में डीजीटीआर ने यह जांच अपने स्तर पर शुरू की है.

इन तीन प्रोडक्ट्स की जांच

तीन अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार, डीजीटीआर ने कहा है कि वह टेलीस्कोपिक चैनल ड्रॉअर (Telescopic Channel Drawer), बिना फ्रेम वाले शीशे और फास्टनर की कथित डंपिंग की जांच कर रहा है.

छोटे कारोबारियों को मिलेगी सुरक्षा

इस कदम का उद्देश्य एमएसएमई (MSMEs) उत्पादकों को चीन से डंप किए गए माल से जरूरी सुरक्षा प्रदान करना है. यह चीन से स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू की गई जांच का सबसे बड़ा मामला है. वर्ष 2000 में चीन से ड्राई बैटरियों की डंपिंग की जांच की गई थी और इनपर 5 साल के लिए शुल्क लगाया गया था.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, यह पहली बार है जबकि डंपिंग पर निगाह रखने वाली जांच इकाई ने एक झटके में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक साथ तीन उत्पादों की डंपिंग की जांच शुरू की है. निदेशालय को जानकारी मिली थी कि इन तीन उत्पादों के भारतीय उत्पादकों को चीन से सस्ते आयात की वजह से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. 

एंटी-डंपिग ड्यूटी की सिफारिश

एक अधिसूचना के अनुसार, टेलीस्कोपिक चैनल ड्रॉअर के 25 विनिर्माताओं वाले हाईहोप फर्नीचर फिटिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड से मिले ज्ञापन में कहा गया है कि चीन से आयात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई, जिससे भारतीय उत्पादन काफी नीचे आ गया है. इसमें आयात का मूल्य 356 करोड़ रुपये लगाया गया है.

बिना फ़्रेम वाले कांच के शीशे पर अखिल भारतीय शीशा विनिर्माता संघ से सूचना मिली थी. इस श्रेणी में ज्यादातर उत्पादक एमएसएमई श्रेणी के हैं. भारत पहले ही चीन सहित विभिन्न देशों से कई उत्पादों पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगा चुका है. अगर जांच में यह तथ्य सामने आता है कि इन उत्पादों के आयात से घरेलू उद्योगों को नुकसान हो रहा है, तो डीजीटीआर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है. शुल्क लगाने का अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय को लेना होता है.