भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की इस माह की शुरुआत में हुई समीक्षा बैठक के ब्योरे से संकेत मिलता है कि नए गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई में केंद्रीय बैंक नरम रुख अपनाएगा जिससे ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश बनेगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को एमपीसी की बैठक का ब्योरा जारी किया है. इसमें संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति कम होने के बाद अब केंद्रीय बैंक वृद्धि को लेकर चिंतित है. 

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कटौती का चक्र शुरू होगा

जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमूरा ने शुक्रवार को कहा, ‘‘दास का रुख वृद्धि को लेकर सहानुभूति वाला है. रिजर्व बैंक को वृद्धि की चिंताओं को दूर करना चाहिए.’’ नोमूरा ने कहा कि मौद्रिक नीति की समीक्षा में जिस तरह की भाषा इस्तेमाल की गई है उससे यह संकेत मिलता है कि यह एक बार की गई कटौती नहीं होगी, बल्कि इससे नीतिगत दर में कटौती का चक्र शुरू होगा. 

ब्याज दर में कमी का अनुमान

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच ने कहा कि 4 अप्रैल की मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दर में कटौती होगी, क्योंकि फरवरी माह की मुख्य मुद्रास्फीति 2.5 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर पर आने की उम्मीद है. घरेलू ब्रोकरेज कोटक सिक्योरिटीज ने कहा कि एमपीसी के नरमी वाले ब्योरे से संकेत मिलता है कि अप्रैल में नीतिगत दर में एक और कटौती होगी. 

 

 

इस माह की शुरुआत में हुई मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत कटौती के पक्ष में एमपीसी के चार सदस्यों ने मत दिया था जबकि डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य और बाहरी सदस्य चेतन घाटे ने यथास्थिति कायम रखने का पक्ष लिया था. उस समय 18 माह में पहली बार ब्याज दरों में कटौती की गई थी. बोफाएमल ने कहा कि घरेलू बैंक ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की कटौती कर सकते हैं. हालांकि, उसने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई. 

(इनपुट एजेंसी से)