भारत में बिट क्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को इजाजत देने को लेकर जारी बहस के बीच इस बारे में सिफारिश देने के लिए बनाए गए सरकारी पैनल ने कहा है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देना चाहिए और इस मुद्रा में लेनदेन करने पर पेनाल्टी भी लगानी चाहिए. पैनल का कहना है कि देश में प्राइवेट वर्चुअल करेंसी से जुड़ी एक्टिविटी करने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए.

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आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र की अध्यक्षता वाली समिति ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके साथ ही समिति ने क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए ड्राफ्ट बिल भी तैयार किया है.

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सरकार इस समिति के सुझावों पर सोच-विचार करेगी और संबंधित नियामक संस्थाओं के साथ इस पर चर्चा करेगी. उसके बाद इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों और उनकी कीमतों में होने वाले भारी उतार-चढ़ाव के मद्देनजर इसे बैन करना चाहिए.

इससे पहले सरकार ने राज्य सभा में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर सरकारी की तरफ से कोई प्रतिबंध नहीं है, हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंकिंग प्रतिबंध लगाया गया है. राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."