पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) की कीमत में भले ही आग लगी हो, लेकिन देश में डिमांड में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि बढ़ोतरी का ही रुझान है. महामारी के चलते हुए नुकसान से अर्थव्यवस्था के उबरने के साथ भारत की कच्चे तेल की मांग (crude oil demand in india) 2022 में 8.2 प्रतिशत बढ़कर 51.5 लाख बैरल प्रतिदिन पर पहुंचने का अनुमान है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, पेट्रोलियम एक्सपोर्टर देशों के संगठन - ओपेक (OPEC) ने अपनी ताजा मासिक तेल बाजार रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारत में कच्चे तेल की मांग 2022 में 3.9 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ेगी. भारत दुनिया में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है.

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बढ़ती गई डिमांड

खबर के मुताबिक, भारत की कच्चे तेल की मांग (crude oil demand india) 2020 में प्रतिदिन 45.1 लाख बैरल से 5.61 प्रतिशत बढ़कर 2021 में 47.6 लाख बैरल प्रतिदिन हो गई थी. हालांकि, यह मांग अब भी महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले कम है. तेल की मांग 2018 में 49.8 लाख बैरल प्रतिदिन थी, जो 2019 में बढ़कर 49.9 लाख बैरल प्रतिदिन हो गई थी. ओपेक ने कहा कि 2022 में विमान ईंधन की मांग में सुधार धीमा रहने की संभावना है.

डीजल, एलपीजी और नेफ्था की मांग बढ़ेगी

ओपेक (OPEC) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में 7.2 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक बढ़ोतरी और महामारी पर काबू पाने की उम्मीद के साथ कच्चे तेल की मांग में सुधार होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आवाजाही बढ़ने के साथ इस साल कच्चे तेल की मांग बढ़ी है. इसमें आगे कहा गया कि 2022 में एक मजबूत अर्थव्यवस्था के पुर्वानुमान के मुताबिक इंडस्ट्रियल सेक्टर से डीजल, एलपीजी और नेफ्था की मांग बढ़ेगी.

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इस महीने क्रूड ने दिखाए तेवर

रूस-यूक्रेन वॉर के चलते दुनियाभर में क्रूड ने इस महीने इंटरनेशनल मार्केट में 130 डॉलर प्रति बैरल का लेवल तोड़ दिया और 13 साल के टॉप पर पहुंच गया. क्रूड में तेजी के चलते भारतीय शेयर बाजारों में इस महीने भारी उथल-पुथल देखने को मिला. 2022 की शुरुआत से ग्‍लोबल क्रूड कीमतें 60 फीसदी से ज्‍यादा उछल चुकी हैं. इसके साथ-साथ कमोडिटीज के दाम भी बढ़े हैं.