भारत में कितनी है एक वेज और नॉन वेज थाली की कीमत?
CRISIL की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर में घर में बनी शाकाहारी और मांसाहारी (नॉन-वेज) थाली की दरें क्रमश: तीन प्रतिशत और पांच प्रतिशत घट गईं.
प्याज और टमाटर की कीमतों में गिरावट के बाद दिसंबर में शाकाहारी (Veg) भोजन की थाली की लागत में तीन प्रतिशत और मांसाहारी (Non-Veg) थाली की कीमत में पांच प्रतिशत की कमी आई है. एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई है. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (MI&A) रिसर्च की ‘राइस रोटी रेट’ (RRR) रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर में घर में बनी शाकाहारी और मांसाहारी (नॉन-वेज) थाली की दरें क्रमश: तीन प्रतिशत और पांच प्रतिशत घट गईं. इसमें कहा गया है कि शाकाहारी और मांसाहारी थाली का दाम घटने की वजह प्याज तथा टमाटर का सस्ता होना है.
सब्जियों के दाम गिरे
मासिक आधार पर दिसंबर में प्याज के दाम 14 प्रतिशत और टमाटर के तीन प्रतिशत घटे हैं. त्योहारी सीजन के समाप्त होने की वजह से घर की रसोई में इस्तेमाल होने वाली इन सब्जियों के दाम घटे हैं.
ब्रॉयलर की कीमतों में भी आई गिरावट
रिपोर्ट कहती है कि ब्रॉयलर की कीमत मासिक आधार पर पांच-सात प्रतिशत घटने की वजह से मांसाहारी थाली की लागत अधिक तेजी से घटी है. मांसाहारी थाली की लागत में ब्रॉयलर का हिस्सा 50 प्रतिशत बैठता है. घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में थाली तैयार करने की कीमतों के आधार पर की जाती है.
कैसे तय होती है कीमत
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव अनाज, दाल, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस की कीमतों के आधार पर आता है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि सालाना आधार पर शाकाहारी थाली की कीमत में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत में चार प्रतिशत की गिरावट आई है. इसमें कहा गया है कि शाकाहारी भोजन की लागत बढ़ने की प्रमख वजह प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमश: 82 और 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी है.