Coronavirus update china: कोरोनावायरस (Coronavirus) की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था (China's economy) बुरी तरह प्रभावित हुई है. उद्योग मंडल एसोचैम (ASSOCHAM) का मानना है कि वायरस की वजह से वैश्विक निर्यात (Export) बाजार में चीन के खाली स्थान की जगह भारत ले सकता है. एसोचैम ने यह भी कहा कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्युटिकल्स, विशेष प्रकार का रसायन और ऑटो निर्यातक कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर हैं और उन्हें आपूर्ति दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां स्थानीय कारोबारियों के लिए अवसर बढ़े हैं.

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एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि कुछ क्षेत्रों को छोड़कर भारत के बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग निर्यातक चीन द्वारा खाली किए गए बाजार को हासिल कर सकते हैं. कुछ यही स्थिति चमड़ा और चमड़ा सामान क्षेत्र को लेकर भी है. उन्होंने कहा कि भारत कृषि और कालीन क्षेत्र में भी अवसर तलाश सकता है. सूद ने कहा कि चीन के निर्यातक जब अपनी आपूर्ति को सामान्य करने की स्थिति में आ जाएंगे, उस समय भी हमारे कई क्षेत्रों को उससे कॉम्पिटीशन करने को अपने उत्पादन के स्तर को बेहतर करना होगा.

पीटीआई की खबर के मुताबिक, सूद ने कहा कि कोरोनावायरस जैसी आपदा आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. लेकिन भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह इस खाली स्थान की भरपाई करे. भारत जैसे देशों को इस मुद्दे पर स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए.

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ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चीन में फरवरी में विनिर्माण गतिविधियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई. ताजा मासिक सर्वे के अनुसार, चीन का खरीद प्रबंध सूचकांक (PMI) फरवरी में घटकर 35.7 पर आ गया. इस सूचकांक का 50 अंक से नीचे रहना यह संकेत देता है कि फैक्ट्री प्रॉडक्शन घट रहा है. यदि सूचकांक 50 से ऊपर हो तो उसे उत्पादन में वृद्धि का संकेत माना जाता है.