वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और आरबीआई (RBI) मंगलवार यानि 31 मार्च को बैठक कर 2020-21 की पहली छमाही के लिए सरकार (Central Government) की उधार योजना पर फैसला करेंगे. कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है. सूत्रों के अनुसार सरकार कोरोनावायरस या कोविड-19 (Covid-19) महामारी के चलते अर्थव्यवस्था (Economy) के सामने आई चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी उधार योजना को बढ़ाने का सहारा लेगी.

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सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक होगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बैठक के बाद डेटेड सरकारी प्रतिभूतियों और लघु अवधि के पत्र जारी करने के उधारी कार्यक्रम की घोषणा शाम को की जाएगी. बजट के अनुसार सरकार की 2020-21 में बाजार से 5.36 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है.

वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में भारत सरकार ने 4.42 लाख करोड़ रुपए की उधारी लेने की योजना बनाई थी. अंतरिम बजट में सरकार ने 2019-20 के लिए 7.1 लाख करोड़ की सकल बाजार उधार और 4.73 लाख करोड़ रुपए की नेट बाजार उधार का अनुमान लगाया था. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सकल बाजार उधार का स्तर पिछले 9 साल में सबसे अधिक है. पिछले साल यानी 2018-19 में भारत की ग्रॉस बॉरोइंग 5.71 लाख करोड़ रुपए थी. 

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जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार अपनी कुल आय का 18 से 19 प्रतिशत हिस्सा केवल ऋण भुगतान के रूप में खर्च करती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना संक्रमण के 106 नए मामले सामने आने की पुष्टि करते हुये बताया कि इसके मरीजों कुल संख्या 979 हो गई है, जबकि अब तक इस वायरस के कारण 25 लोगों की मौत हो चुकी है. इसस निपटने के लिए सरकार की कोशिशें लगातार तेज हैं. देश में इस वक्त 21 दिनों का सम्पर्ण लॉकडाउन चल रहा है.