MSME Loan: भारत सरकार की ओर से सभी अनुसूचित कमर्शियल बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) के लिए चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) में 1.54 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त एमएसएमई लोन (MSME Loan) प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि बैंकों और एनबीएफसी को एमएसएमई के लिए कुल लोन ग्रोथ का लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25, 2025-26 और 2026-27 में क्रमशः 5.75 लाख करोड़ रुपये, 6.21 लाख करोड़ रुपये और 7 लाख करोड़ रुपये रखना चाहिए.

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वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के वित्तीय सेवा विभाग और स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) की पार्टनरशिप में आयोजित किए गए 'नेशनल एमएसएमई कल्स्टर आउटरीच' प्रोग्राम में केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश में इनोवेशन, रोजगार पैदा करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने में एमएसएमई के महत्व पर प्रकाश डाला.

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MSME लोन उपलब्ध कराने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत

वित्त मंत्री ने उद्यमीयों से भी बातचीत की और बताया कि कैसे सरकार और वित्तीय संस्थाएं उनकी आगे बढ़ने में मदद कर रही हैं. सीतारमण ने कहा कि बैंकों को एमएसएमई सेक्टर को लोन उपलब्ध कराने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत है.

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार की पहल पर प्रकाश डाला और सभी बैंकों से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यमों को अधिक लोन देने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया. इवेंट में वित्त मंत्री सीतारमण ने कर्नाटक में वर्चुअल तरीके से छह नई सिडबी शाखाओं का भी उद्घाटन किया. इससे एमएसएमई तक सिडबी की पहुंच और वित्तीय सहायता का विस्तार हुआ है.

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इसके अलावा सीतारमण ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ बेंगलुरु, चेन्नई, जयपुर और विशाखापत्तनम में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) की चार नारी शक्ति शाखाओं और बेंगलुरु में केनरा बैंक के लर्निंग सेंटर का भी उद्घाटन किया. वित्त मंत्री सीतारमण ने सिडबी के 11 एमएसएमई ग्राहकों को कुल मिलाकर 25.75 करोड़ रुपये के लोन मंजूरी पत्र दिए. इसके साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की नारी शक्ति शाखा के 2 MSME ग्राहकों को कुल 11 करोड़ रुपये के मंजूरी पत्र दिए.