Anti-Dumping Duty Steel Tube Pipes: वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने घरेलू कंपनियों को चीन के सस्ते आयात से बचाने के लिए स्टील ट्यूब और पाइप पर 5 साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है. व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने चीन से ‘स्टेनलेस-स्टील सीमलेस ट्यूब और पाइप’ (stainless-steel seamless tubes and pipes) के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है. डीजीटीआर ने अपनी जांच में पाया कि इन उत्पादों का भारत में बहुत कम कीमत पर निर्यात किया जाता है, जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित हुआ है.

कहां होता है स्टेनलेस-स्टील सीमलेस ट्यूब और पाइप का इस्तेमाल?

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निदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, निश्चित डंपिंग रोधी शुल्क को 5 साल के लिए लगाए जाने की सिफारिश की गई है. स्टेनलेस-स्टील सीमलेस ट्यूब और पाइप का उपयोग लिक्विड पदार्थ और गैस को ट्रांसफर करने समेत कई अन्य कार्यों के लिए किया जाता है. 

DGTR ने चंदन स्टील लिमिटेड, ट्यूबेक्स प्रकाश इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और वेलस्पन स्पेशियल्टी सॉल्यूशंस लिमिटेड की शिकायत के बाद जांच शुरू की थी.

वित्त मंत्रालय लेगा अंतिम फैसला

डीजीटीआर ने इन उत्पादों पर 114 डॉलर प्रति टन से लेकर 3,801 डॉलर प्रति टन डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है. वित्त मंत्रालय इन सिफारिशों को लागू करने पर अंतिम फैसला लेता है.

विश्व व्यापार संगठन (WTO) रिजीम के तहत डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की अनुमति है. भारत और चीन दोनों ही जिनेवा स्थित इस बहुपक्षीय निकाय के सदस्य हैं.