केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड को आयात कम करने के लिए कोयला उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने को प्राथमिकता देनी चाहिए. कोल इंडिया लिमिटेड घरेलू कोयला उत्पादन में 80 फीसदी से अधिक का योगदान देती है. सीआईएल के 50वें स्थापना दिवस पर रविवार को मंत्री ने खनिकों के कल्याण और खदान बंद होने से प्रभावित समुदायों के पुनर्वास की जरूरत पर जोर दिया. 

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कोयला मंत्रालय ने बयान में उनके हवाले से कहा, ‘‘कोल इंडिया के उत्पादन में संविदा कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मैं उनके लिए प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन को लागू करने के प्रबंधन के फैसले की सराहना करता हूं. यह वित्त वर्ष 2023-24 से प्रभावी होगा.’’ उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत से पारदर्शिता, कारोबारी सुगमता और निवेश के अवसर बढ़े हैं. उन्होंने कोल इंडिया पर भरोसा जताते हुए कहा कि कंपनी के पास मौजूदा खुले बाजार परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता और प्रतिबद्धता है.

कोयला मंत्री ने बताया कि आने वाले दशकों में कोयला देश के ऊर्जा परिदृश्य का एक अहम हिस्सा बना रहेगा, लेकिन भारत नवीकरणीय ऊर्जा में भी भारी निवेश कर रहा है. उन्होंने सीआईएल के विविधीकरण प्रयासों की सराहना की, जिसमें एक ताप बिजली संयंत्र की स्थापना और महत्वपूर्ण खनिज अधिग्रहण शामिल है. कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने कहा कि सीआईएल आयातित कोयले की तुलना में प्रतिस्पर्धी दरों पर भारतीय उपभोक्ताओं को कोयला उपलब्ध कराती है.