केंद्रीय स्वास्थ मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि केंद्र सरकार दो सरकारी फार्मा कंपनी बेचने पर विचार कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ मंत्री ने कहा है कि सरकार के पास 1-2 प्लांट हैं. हम उनमें विनिवेश की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. निजी क्षेत्र को उनका संचालन करने देंगे.हालांकि, उन्होंने किसी ऐसी कंपनी का नाम नहीं लिया जिसका सरकार विनिवेश करने की योजना बना रही है.

उद्योग जगत को साथ आने के लिए कहा

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केंद्रीय स्वास्थ मंत्री ने कहा है कि जिस स्तर पर प्रस्ताव वर्तमान में हैं, उस पर कोई अन्य विवरण साझा नहीं किया है.भारत के लिए गुणवत्ता सर्वोपरि है. उन्होंने उद्योग जगत से इस पहलू पर चिंताओं का ध्यान रखने के लिए एक स्व-नियामक संगठन बनाने के लिए एक साथ आने को कहा है.

सरकार ने इस मुद्दे पर मांगा सबूत

भारत में निर्मित कफ सिरप के कारण गाम्बिया में हुई मौतों के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में व्यक्त की गई चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर मंडाविया ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट और जमीनी हकीकत अक्सर अलग-अलग होती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसी मुद्दे पर सबूत मांगा था, लेकिन अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है. स्वास्थ मंत्री ने यह भी बताया कि मरीजों की मौत का कारण डायरिया बताया गया है और आश्चर्य जताया कि आखिर उन्हें पहले कफ सिरप क्यों दिया गया.

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70 को भेजा कारण बताओं नोटिस

स्वास्थ मंत्री ने कहा कि सरकार गुणवत्ता को लेकर बहुत गंभीर है और उसने देश भर में 150 संयंत्रों में जोखिम आधारित मूल्यांकन किया है, जिनमें से 70 को कारण बताओ नोटिस और 18 को बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि फार्मा उत्पादों की गुणवत्ता को और मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्यों ने नजर रखने के लिए समर्पित दस्ते बनाए हैं. मंडाविया ने चेतावनी दी कि जो कंपनियां गुणवत्ता को लेकर गंभीर नहीं हैं, उन्हें व्यवसाय में रहने का कोई अधिकार नहीं है.