केंद्र और राज्यों के बीच अक्टूबर महीने में एकीकृत माल एवं सेवा कर (IGST) में पड़े 32,000 करोड़ रुपये का बंटवारा किया गया. एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि इसमें राज्यों का हिस्सा 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का है. आईजीएसटी के बंटवारे से केंद्र और राज्यों के अक्टूबर माह के जीएसटी राजस्व में इजाफा हुआ है. माह के कुल राजस्व संग्रहण के आंकड़े एक नवंबर को जारी किए जाएंगे.

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यह पांचवां मौका है जबकि केंद्र और राज्यों के बीच आईजीएसटी कोष का बंटवारा किया गया है. इससे पहले सितंबर में आईजीएसटी के 29,000 करोड़ रुपये, अगस्त में 12,000 करोड़ रुपये, जून में 50,000 करोड़ रुपये और फरवरी में 35,000 करोड़ रुपये का बंटवारा किया गया था.

अधिकारी ने कहा कि आईजीएसटी पूल में जब उल्लेखनीय राशि जमा हो जाती है तो उसका बंटवारा केंद्र और राज्यों के बीच किया जाता है ताकि यह केंद्र के पास बेकार न पड़ी रहे. अधिकारी ने कहा कि इस महीने 32,000 करोड़ रुपये का बंटवारा किया गया. 

जीएसटी के तहत वस्तुओं के उपभोग और सेवाओं पर जो कर लगाया जाता है उसका बंटवारा केंद्र और राज्य के बीच 50:50 में किया जाता है. इस तरह के कर को केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) कहा जाता है.

एक राज्य से दूसरे राज्यों को वस्तुओं की आवाजाही तथा आयात पर आईजीएसटी लगाया जाता है. आदर्श स्थिति यह मानी जाती है कि आईजीएसटी पूल में ‘शून्य’ राशि हो क्योंकि इस राशि का इस्तेमाल सीजीएसटी और एसजीएसटी के भुगतान को किया जाता है.

(इनपुट एजेंसी से)