और तेजी से बढ़ सकती है Indian Economy, अगर कॉर्पोरेट ने कर लिया यह एक काम
मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने कहा कि हाई GDP ग्रोथ रेट को बनाए रखने के लिए प्राइवेट इन्वेस्टमेंट महत्वपूर्ण है. इसे बनाकर रखना होगा.
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (CEA Anantha Nageswaran) ने शुक्रवार को कहा कि अगर निजी पूंजी निर्माण में तेजी आती है, तो भारत की आर्थिक वृद्धि तेज हो सकती है. नागेश्वरन ने कहा कि कोविड महामारी के बाद कंपनियों की वित्तीय बैलेंस शीट सकारात्मक रही है. उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ''आर्थिक वृद्धि के लिए हमें निवेश व्यय की जरूरत है... अगर बहुप्रतीक्षित निजी पूंजी निर्माण बढ़ जाए तो भारत की आर्थिक वृद्धि तेज हो सकती है.''
कॉर्पोरेट को राहत देते हुए टैक्स में कटौती की गई थी
चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर ने बताया कि निजी कॉरपोरेट क्षेत्र में विश्वास पैदा करने के लिए सरकार ने 2019 में कॉरपोरेट कर की दर कम कर दी थी. नागेश्वरन ने निजी क्षेत्र से अनिश्चितता को स्वीकार करने और सक्रिय रूप से निवेश करने का आग्रह किया.
ग्रोथ रेट 6.5% रहने की उम्मीद
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहेगी. नागेश्वरन ने कहा कि यह दशक अनिश्चितता का रहने वाला है. अगर कॉरपोरेट क्षेत्र अपने निवेश में देरी करता है, तो रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि में वृद्धि का चक्र हकीकत नहीं बन पाएगा. उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है, जब मैं वास्तविक जीडीपी वृद्धि में औसतन साढ़े छह फीसदी हासिल करने की बात करता हूं, तो मैं इसमें तेजी को लेकर खुद को अचंभित होने को लेकर पर्याप्त जगह दे रहा हूं.’’
FY23 में ग्रोथ रेट 7.2% रहा था
देश की आर्थिक वृद्धि दर 2022-23 में 7.2 फीसदी रही थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.6 फीसदी रही है. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.2 फीसदी थी. नागेश्वरन ने कहा कि निवेश और विनिर्माण के प्रति पुनर्संतुलन तब होगा जब निवेश चक्र उच्चस्तर पर पहुंच जाएगा जैसा कि सहस्राब्दी के पहले दशक में हुआ था.