मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने सोमवार को कहा कि भारत की संभावित सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 6.5 से सात फीसदी के दायरे में है और देश पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्यों के आधार पर इसे हासिल करने में सक्षम होना चाहिए. आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि भारत की GDP 2024-25 में 6.5-7 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 8.2 फीसदी के उच्च स्तर से कम है. 

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आईवीसीए के ग्रीन रिटर्न्स शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘ भारत की संभावित GDP वृद्धि 6.5 से सात फीसदी के दायरे में है और हमने पिछले 10 वर्षों में जो भी काम किए हैं उसके आधार पर इसे हासिल करने में सक्षम होंगे, चाहे वह भौतिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के संदर्भ में हो या वित्तीय समावेश को प्राप्त करने के संदर्भ में.... निवेश के क्षेत्रों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी अवरोधों से अवगत हैं. निवेश को सौर ऊर्जा संयंत्रों या पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना पर केंद्रित नहीं होना चाहिए, क्योंकि हमें सौर पैनल अपशिष्ट और पवन टरबाइन अपशिष्ट के पुनर्चक्रण की बढ़ती लागत को ध्यान में रखना होगा. यह निवेश करने का एक क्षेत्र है.’’उन्होंने कहा कि निवेश के लिए अन्य क्षेत्र ‘ग्रिड’ क्षमताएं तथा प्रौद्योगिकियां हैं, जो इन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से आपूर्ति में रुकावट को झेलने में सक्षम होंगी. 

अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में जारी है. जुलाई-सितंबर तिमाही में देश का जीडीपी ग्रोथ रेट सालाना आधार पर 8.1 फीसदी से घटकर 5.4 फीसदी रहा, जो करीब दो साल का निचला स्तर है. साथ ही ये अनुमान (6.5%) से कम है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में GVA ग्रोथ 7.7 फीसदी से घटकर 5.6 फीसदी हो गई है. आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की GDP ग्रोथ 6.7 फीसदी रही थी.