SBI का दावा: कच्चे तेल की कीमतों में कमी से देश को मिल सकती है ये बड़ी खुशखबरी
एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल में गिरावट के चलते चालू वित्त वर्ष के दौरान देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी के मुकाबले 2.6 प्रतिशत रह सकता है, जबकि इससे पहले अनुमान जताया गया था कि चालू खाता घाटा 2.8 प्रतिशत रहेगा.
कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते देश को जल्दी ही एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल में गिरावट के चलते चालू वित्त वर्ष के दौरान देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी के मुकाबले 2.6 प्रतिशत रह सकता है, जबकि इससे पहले अनुमान जताया गया था कि चालू खाता घाटा 2.8 प्रतिशत रहेगा.
चालू वित्त वर्ष में पूरे साल के लिए बजट अनुमानों के मुकाबले पहली छमाही में ही राजकोषीय घाटा 95.3 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है. छह महीने की अवधि के दौरान कुल प्राप्तियां 7.09 लाख करोड़ रुपये हैं, जो बजट अनुमानों का 39 प्रतिशत है. दूसरी ओर कुल खर्च 13.04 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो बजट अनुमानों का 54.4 प्रतिशत है.
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है, 'हाल में तेल कीमतों में आई गिरावट के चलते जीडीपी के मुकाबले सीएडी 2.6 प्रतिशत रह रहते है.' इससे पहले एसबीआई की ही रिपोर्ट में कहा गया था कि चालू वित्त वर्ष में सीएडी 2.8 प्रतिशत हो सकता है. इसकी वजह कच्चे तेल में तेजी और निर्यात में गिरावट बताई गई थी.
ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार दूसरे साल प्रत्यक्ष कर बजट लक्ष्यों के मुकाबले कम से कम 20,000 करोड़ रुपये अधिक रहेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि कस्टम ड्यूटी के रूप में भी करीब 14000 करोड़ रुपये का सरप्लस टैक्स कलेक्शन होगा. जहां तक जीएसटी प्राप्तियों और एक्साइज ड्यूटी की बात है, तो रिपोर्ट में इसकी सूरत अच्छी नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा बाजार परिदृश्य में इसका लक्ष्य मुश्किल है. एसबीआई ने कहा है कि अप्रत्यक्ष कर में 90,000 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)