Cabinet Decisions: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार की तरफ से सीनियर सिटीजन को बड़ी सौगात दी गई है. सरकार ने 70 साल से अधिक उम्र के सभी सीनियर सिटीजन को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया गया है. इसके तहत देश के करीब 6 करोड़ सीनियर सिटीजनों को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा. इसके साथ ही कैबिनेट ने पीएम ग्राम सड़क योजना - IV, PM-eBus Sewa, PM E-DRIVE को भी मंजूरी दी है.

सीनियर सिटीजन को बड़ी राहत

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "70 वर्ष से अधिक उम्र के हमारे वरिष्ठ नागरिकों को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, आयुष्मान भारत पीएम जन आरोग्य योजना के तहत कवर करने का निर्णय लिया गया है. यह एक बहुत बड़ा निर्णय है. इस निर्णय में एक महान मानवीय सोच है. इसके तहत उन्हें 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. इसमें देश के लगभग 4.5 करोड़ परिवार शामिल होंगे, जिसमें लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को इसका फायदा होगा."

 

पीएम ग्राम सड़क योजना - IV को मंजूरी

कैबिनेट में सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - IV (PMGSY-IV) को मंजूरी दे दी है. इस योजना में सरकार पर कुल 70,125 करोड़ रुपये का भार आने वाला है. वैष्णव ने बताया कि देश में 25,000 असंबद्ध बस्तियों को नई कनेक्टिविटी देने के लिए सड़कों पर पुलों के निर्माण के लिए 62,500 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है.

PM-eBus Sewa को मंजूरी

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि सरकार ने 3,435.33 करोड़ रुपये के खर्च के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (PTA) द्वारा ई-बसों की खरीद और संचालन के लिए PM-eBus Sewa-भुगतान सुरक्षा तंत्र (PSM) योजना को मंजूरी दी.

इस स्कीम में OEM/ऑपरेटरों को समय पर भुगतान मिलना सुनिश्चित होगी. यह योजना 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती का समर्थन करती है और इससे प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी.

 

PM E-DRIVE को भी मिली मंजूरी

इसके साथ ही कैबिनेट ने 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (PM E-DRIVE) योजना को मंजूरी दी है. यह योजना 24.79 लाख e-2Ws, 3.16 लाख e-3Ws और 14,028 ई-बसों को समर्थन देगी. यह योजना इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस के लिए मार्ग प्रशस्त करती है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में ईवी को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

 

कैबिनेट ने हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स के लिए बुनियादी ढांचे को सक्षम करने की लागत के लिए बजटीय सहायता की योजना में संशोधन को मंजूरी दी. लगभग 31,350 मेगावाट की संचयी उत्पादन क्षमता के लिए इस योजना का कुल परिव्यय 12,461 करोड़ रुपये है.