Budget 2025-26: 1 फरवरी को देश का आम बजट (Aam Budget) पेश होने जा रहा है. इस बजट को एक बार फिर से केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पेश करने वाली हैं. वित्‍त मंत्री के तौर पर ये उनका आठवां बजट होगा. साल 2014 से लेकर 23 जुलाई 2024 तक मोदी सरकार के 13 बजट सामने आ चुके हैं. इसमें से 11 पूर्ण बजट और दो अं‍तरिम बजट शामिल हैं. 1 फरवरी को मोदी सरकार अपना 14वां बजट पेश करेगी. आइए आपको बताते हैं कि अब तक मोदी सरकार के  पेश हो चुके बजट में क्‍या-क्‍या बड़ी घोषणाएं हुईं.

2014 का बजट (वित्त मंत्री: अरुण जेटली)

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2014 में लोकसभा चुनाव हुए थे, ऐसे में फरवरी में कांग्रेस सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था. चुनाव के बाद जब भाजपा सत्‍ता में आई, तब तत्‍का‍लीन वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया. इस बजट में टैक्स छूट सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया गया, वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई. वहीं सेक्शन 80(सी) के तहत टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दी गई.

2015 का बजट (वित्त मंत्री: अरुण जेटली)

साल 2015 का बजट भी तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया. इस बजट में वेल्थ टैक्स को खत्म किया गया. सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया गया, एनपीएस में निवेश पर 50 हजार रुपए की टैक्स छूट की घोषणा और व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए की गई.

2016 का बजट (वित्त मंत्री: अरुण जेटली)

2016 का बजट पेश करने वाले वित्‍त मंत्री भी अरुण जेटली ही थे. इस बजट में 5 लाख से कम आय वालों के लिए टैक्स रिबेट 2000 से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दी गई. घर का किराया देने वालों के लिए सेक्शन 80जीजी के तहत टैक्स छूट को 24,000 से बढ़ाकर 60,000 रुपए किया गया. 1 करोड़ रुपए से अधिक सालाना आय वाले इंडिविजुअल्स पर सरचार्ज को बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया.

2017 का बजट (वित्त मंत्री: अरुण जेटली)

2017 में आम बजट और रेल बजट को मोदी सरकार ने एक साथ पेश किया. ये बजट के इतिहास में पहली बार हुआ था. उस समय के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्‍सपेयर्स को 12,500 रुपए का टैक्स रिबेट दिया. 2.5 लाख से 5 लाख रुपए तक की इनकम के लिए टैक्स रेट को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया.

2018 का बजट (वित्त मंत्री: अरुण जेटली)

इस साल के बजट में वेतनभोगी करदाताओं को 40,000 रुपए का Standard Deduction का फायदा देने की घोषणा की गई. सीनियर सिटीजंस की 50,000 रुपए तक की ब्याज से होने वाली आमदनी को टैक्‍स छूट दी गई. इससे पहले ये छूट 10,000 रुपए थी. इनकम टैक्स स्लैब में इस बार भी बदलाव नहीं हुआ. सेस 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया.

2019 का अंतरिम बजट (कार्यवाहक वित्त मंत्री: पीयूष गोयल)

साल 2019 में चुनाव होने की वजह से 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया. उस समय तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की तबियत खराब होने के कारण इस बजट को तत्‍कालीन कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश किया. इस बजट में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों सम्मान देते हुए हर महीने पेंशन देने का ऐलान किया गया, मजदूरों को 3000 रुपए की मासिक पेंशन और मिडिल क्लास के लिए आयकर की सीमा को दोगुनी करते हुए पांच लाख कर दिया गया. एचआरए में भी इजाफा कर इसे 2.40 लाख रुपए कर दिया गया.

2019 का बजट (वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)

2019 में सरकार बनने के बाद निर्मला सीतारमण वित्‍त मंत्री बनीं और उन्‍होंने बतौर वित्‍त मंत्री पहला बजट पेश किया. इस बजट में टैक्स रिबेट की लिमिट 2500 रुपए से बढ़ाकर 12500 रुपए कर दिया गया. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपए किया गया. वहीं  बैंक या डाकघरों में जमा पर आने वाले 40000 रुपए तक के ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया गया. होम लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर सेक्शन 80ईईए के तहत 1.5 लाख रुपए तक का अतिरिक्त डिडक्शन प्रस्तावित किया गया. किराए पर टीडीएस की सीमा को 1.80 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.40 लाख रुपए कर दिया गया.

2020 का बजट (वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)

साल 2020 के बजट में नई टैक्‍स रिजीम का विकल्‍प पेश किया गया. ऐसे में टैक्‍सपेयर्स को न्‍यू टैक्‍स रिजीम और ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम में से किसी एक को स्‍वेच्‍छा से चुनने का ऑप्‍शन दिया गया. सस्ते मकान की खरीद के लिए सेक्शन 80ईईए के तहत 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त कटौती को एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया. कंपनियों और म्यूचुअल फंड्स की ओर से दिए जाने वाले डिविडेंड पर डीडीटी को खत्म किया गया.

2021 का बजट (वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)

इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण क्षेत्र में इन्फ्रा सेक्टर के विकास के लिए आवंटन को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपए कर दिया. वित्‍त मंत्री ने इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने की घोषणा की. वित्त मंत्री ने पांच प्रमुख फिशिंग हब बनाने की घोषणा की.

2022 का बजट (वित्त मंत्रीः निर्मला सीतारमण)

2022 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक साल में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत देश भर में 80 लाख मकान बनाए जाने का ऐलान किया. इस बजट में युवाओं को 60 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया.

2023 का बजट (वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)

ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट था. इस बजट में न्‍यू टैक्‍स रिजीम के तहत  7 लाख रुपए तक की सालाना कमाई तक कोई टैक्स न देने का ऐलान किया गया. अलग-अलग मंत्रालयों-विभागों से लेकर केंद्रीय योजनाओं के लिए आवंटन की घोषणा की गई और बजट की 7 प्राथमिकताएं समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित ऊर्जा के क्षेत्र में वृद्धि, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र बताकर सरकार के आगामी दिशा को रेखांकित किया गया. 

2024 का अंतरिम बजट (वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)

वर्ष 2024 में एक फरवरी को चुनाव होने के कारण अंतरिम बजट पेश किया गया. इस बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि GYAN यानी  'गरीब', 'युवा' 'अन्नदाता'  और 'नारी' का उत्थान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. युवाओं के लिए पचास साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित करने का ऐलान भी किया गया. इस बजट में वित्‍त मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय परिव्यय 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया जा रहा है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत होगा.

2024 का पूर्ण बजट (वित्त मंत्री: निर्मला सीतारमण)

केंद्र मे Modi 3.0 की सरकार बनने के बाद एक बार फिर से निर्मला सीतारमण वित्‍त मंत्री बनीं और उन्‍होंने 23 जुलाई 2024 को FY2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया. इस बजट में New Tax Regime में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया. वहीं इनकम टैक्‍स स्‍लैब में भी बदलाव किया गया. इसके तहत अब 0-3 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वहीं 3-7 लाख रुपए तक की इनकम पर 5 फीसदी का टैक्स लगेगा. 7-10 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम पर 10 फीसदी का टैक्स लगेगा. 10-12 लाख रुपए की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा. 12-15 लाख रुपए की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा और 15 लाख रुपए से अधिक की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा. इसके अलावा बजट में न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस के तहत कॉरपोरेट एनपीएस में योगदान पर गैर-सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिला है. गैर-सरकारी कर्मचारी के योगदान की सीमा को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया.