Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश के सामने बजट पेश करने वाली हैं. 2024 के आम चुनावों का साल होने के कारण इस बार वित्त मंत्री सदन में वोट ऑन अकाउंट बजट पेश करने वाली हैं. इसमें सरकार कुछ महीनों के लिए खर्चों का हिसाब-किताब पेश करती है, जिससे कि चुनावों के पूरा होने तक का काम चल जाए. लोकसभा चुनावों के बाद सरकार पूर्ण बजट लेकर आएगी. सरकार इस बार देश के सामने इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) को भी पेश नहीं करने वाली है. दरअसल हर साल आम बजट से एक दिन पहले सदन में इसे पेश किया जाता है, लेकिन अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट बजट की सूरत में इसे पेश नहीं किया जाता है. 

क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?

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देश की आर्थिक स्थिति का सही ब्यौरा देने के लिए वित्त मंत्रालय इकोनॉमिक सर्वे पेश करती है. हर साल इसे आम बजट को पेश करने से एक दिन पहले पेश किया जाता है. भारत में पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था. तबसे लेकर 1964 तक देश का इकोनॉमिक सर्वे और आम बजट एक साथ पेश किया जाता था. 

आमतौर पर इकोनॉमिक सर्वे में सरकर द्वारा पिछली रिपोर्ट में तय किए टारगेट के विकास का लेखा-जोखा होता है. इस रिपोर्ट में देश में इंफ्लेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रीकल्चर, विदेशी मुद्रा आदि की डीटेल्स दी जाती है. पूरे इकोनॉमिक सर्वे को दो भाग में बांटा जाता है.

सरकार लेकर आई आर्थिक रिपोर्ट 

वैसे तो सरकार इस साल इकोनॉमिक सर्वे पेश नहीं करने वाली है, लेकिन इससे इतर 29 जनवरी को सरकार ने एक ऑर्थिक रिपोर्ट पेश किया है. 'The Indian Economy: A Review' नाम की इस रिपोर्ट में सरकार ने पिछले 10 साल के विकास का ब्यौरा दिया है. सरकार ने ये साफ कर दिया है कि ये सिर्फ आर्थिक रिपोर्ट है, इकोनॉमिक सर्वे नहीं. इस रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि देश अगले 3 साल में 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बन जाएगा.