Budget 2024: बजट ब्रीफकेस, बैग या बहीखाते का रंग लाल ही क्यों? कभी दिमाग में आया है ये सवाल!
Union Budget 2024: बजट के दस्तावेज रखने वाले ब्रीफकेस को लेकर समय-समय पर कई तरह के प्रयोग किए जाते रहे हैं. ये ब्रीफकेस से बैग और बैग से बहीखाते में तब्दील हुआ. कई बार इसके डिजाइन और रंग को लेकर भी प्रयोग किए गए, लेकिन ज्यादातर बजट के बैग का रंग लाल ही रहा है.
Union Budget 2024: साल 2024 का बजट 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है. हर साल देश के वित्त मंत्री बजट को पेश करते हैं. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) इस साल छठवीं बार बजट पेश करेंगीं. बजट के जरिए देश के वित्त मंत्री एक फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) का लेखा-जोखा पेश करते हैं. बजट पेश करने की परंपरा आजादी के पहले से चली आ रही है और आज भी कायम है. हालांकि इस बीच बजट के दस्तावेज रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ब्रीफकेस को लेकर समय-समय पर कई तरह के प्रयोग किए जाते रहे हैं. ये ब्रीफकेस से बैग और बैग से बहीखाते में तब्दील हुआ. कई बार इसके डिजाइन और रंग को लेकर भी प्रयोग किए गए, लेकिन ज्यादातर बजट के बैग का रंग लाल ही रहा है. कभी आपने सोचा कि बजट के ब्रीफकेस, बैग या बहीखाते का लाल रंग से क्या कनेक्शन है? आइए आपको बताते हैं-
ये है लाल रंग इस्तेमाल करने की वजह
बजट के ब्रीफकेस में लाल रंग का इस्तेमाल पहली बार 1860 में किया गया था. उस समय ब्रिटिश चांसलर ग्लैडस्टन ने फाइनेंशियल पेपर्स के बंडल को लाने के लिए खास बैग तैयार करवाया था. उन्होंने लकड़ी के बक्से पर लाल रंग का चमड़ा मढ़वा दिया था और उस पर ब्रिटिश रानी का मोनोग्राम बना था. इस लेदर के बैग को ग्लैडस्टन बॉक्स नाम दिया गया. उस समय लाल रंग ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया और उनका ये प्रयोग काफी पसंद किया गया. इसके बाद बजट ब्रीफकेस या बैग में लाल रंग का इस्तेमाल किया जाने लगा. लाल रंग पसंद किए जाने की एक वजह ये भी मानी जाती है कि ये रंग दूर से लोगों का ध्यान आकर्षित करता है और यह स्पष्ट करता है कि उस बैग में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है.
समय-समय पर किए गए कई प्रयोग
ऐसा नहीं कि बजट का ब्रीफकेस या बैग हमेशा लाल रंग का ही रहा है, आजादी के बाद समय-समय पर इसमें कई प्रयोग किए जाते रहे हैं. आजादी के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी ने पेश किया. उन्होंने अंग्रेजों की परंपरा को कायम रखते हुए रेड लेदर के ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया. 1958 में देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल रंग की बजाय काले रंग के ब्रीफकेस में बजट को पेश किया.
इसके बाद 1991 में मनमोहन सिंह ने जब बजट पेश किया तो बैग का रंग बदलकर लाल कर दिया गया. इसके बाद 1998-99 के दौरान यशवंत सिंह ने काले रंग के बक्कल और पट्टियों के बैग में बजट पेश किया. इस तरह समय-समय पर बैग के रंग और डिजाइनंस को लेकर कई तरह के बदलाव किए गए, लेकिन एक चीज कॉमन रही, वो ये कि बैग और ब्रीफकेस हमेशा लेदर का ही इस्तेमाल किया गया.
निर्मला सीतारमण ने किया बही-खाते का इस्तेमाल
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहला बजट लेकर आयीं तो उन्होंने लेदर के ब्रीफकेस या बैग की परंपरा को तोड़ दिया और इसकी जगह पर वो बजट के दस्तावेज बहीखाते में लेकर आयीं. हालांकि इस बहीखाते का रंग भी लाल ही रहा.