Budget 2024: रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने की उम्मीद, होम लोन पर ज्यादा छूट की मांग
Budget 2024: रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार उसे इंडस्ट्री का दर्जा मिल सकता है. साथ ही होमलोन पर टैक्स से छूट की लिमिट बढ़ाए जाने की भी उम्मीद है.
Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला सत्र शुरू हो चुका है. अब सभी को बजट सत्र का इंतजार हैं, उम्मीद है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 22 जुलाई को पेश हो सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन में बजट पेश करेंगी. बजट पर कारोबारियों, आम आदमी के सा थ-साथ रियल एस्टेट सेक्टर की भी नजर रहेगी. रियल एस्टेट सेक्टर को बजट से काफी उम्मीदें हैं.
रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री बनने की उम्मीद
रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि इस बार उसे इंडस्ट्री का दर्जा मिल सकता है. साथ ही होमलोन पर टैक्स से छूट की लिमिट बढ़ाए जाने की भी उम्मीद है. वर्षों से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर देश की आर्थिक वृद्धि को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. आवास, कार्यालय स्थानों और कमर्शियल सेक्टर की बढ़ती मांग के बीच, उद्योग जगत को केंद्रीय बजट 2024-25 से पहले महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद है.
रियल एस्टेट सेक्टर की ये है मांगे
हालांकि, प्रचलित सकारात्मक भावनाओं के बावजूद, चुनौतियों पर भी विचार किया जाना चाहिए. सबसे पहले, इस सेक्टर की लंबे समय से मांगें हैं, जैसे कि उद्योग का दर्जा दिया जाना और सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित करना. इसके अतिरिक्त, यह पहली बार घर खरीदने वालों के लिए कीमतें कम करने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की मांग करता है, जिससे सामान्य आबादी के लिए आवास अधिक किफायती हो सके.
प्रदीप अग्रवाल, फाउंडर एंड चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड और चेयरमैन- एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन रियल एस्टेट, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट ने कहा कि आगामी बजट की ओर देखते हुए, रियल एस्टेट सेक्टर कई महत्वपूर्ण सुधारों की उम्मीद कर रहा है जो विकास और दक्षता को बढ़ावा देंगे. रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा देने से निवेश आकर्षित होगा और नियमों को सरल बनाया जाएगा.
सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम से होगी आसानी
एक साधारण सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम परियोजना अनुमोदनों को तेज करेगा, देरी को कम करेगा और परियोजना के निष्पादन को बढ़ाएगा. जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट नियमों में संशोधन से प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी, जबकि धारा 24 के तहत होम लोन ब्याज में छूट को 5 लाख तक बढ़ाने से मांग बढ़ेगी.
अंकित कंसल, एमडी, एक्सॉन डेवलपर्स का कहना है, "भारत में रियल एस्टेट सबसे बड़े एम्प्लॉयर्स में से एक है. जबकि उद्योग आशावादी है, हम सरकार से कुछ विशेष चुनौतियों का समाधान करने का आग्रह करते हैं. उद्योग का दर्जा देना और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू करना, ऐसी मांगें हैं जो लंबे समय से लंबित हैं. सस्ते आवास की घटती उपलब्धता और बढ़ती मांग एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है. इन चुनौतियों को देखते हुए, उद्योग को सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की आवश्यकता है. इसके अलावा, हम सरकार से पहली बार घर खरीदने वालों के लिए कीमतें कम करने के उद्देश्य से प्रोत्साहन देने का अनुरोध करते हैं ताकि सामान्य जनता के लिए आवास की सामर्थ्य बढ़ सके."
होम लोन पर मिले अधिक छूट
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा का कहना है, "रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में कुछ नीतिगत पहल करेगी. इंडस्ट्री स्टेटस और सिंगल-विंडो क्लियरेंस जैसे लंबे समय से लंबित माँगे हैं, और हम इन पर सकारात्मक कार्रवाई की आशा करते हैं. सेक्शन 80C के तहत हाउसिंग लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट की कटौती सीमा को वर्तमान 1,50,000 से बढ़ाने की भी माँग है. हमें उम्मीद है कि बजट घोषणाएं इस क्षेत्र की संभावनाओं को और बढ़ावा देंगी और देश की अर्थव्यवस्था में इसके हिस्से को बढ़ाएंगी."
कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग का कहना है, "भारत के जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर का योगदान अगले वर्ष भारत के जीडीपी के 13% तक पहुंचने का अनुमान है, इस सेक्टर को उम्मीद है कि वर्तमान बजट इसके विकास को और भी आगे बढ़ाने के लिए जोर देगा. इनपुट लागत में कमी एक बड़ी चिंता है. अफोर्डेबल हाउसिंग की घटती हिस्सेदारी और इसकी भारी मांग एक और चुनौतीपूर्ण सेक्टर है. इस सेक्टर में तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है. निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ कर के तहत अनुकूल प्रावधानों के साथ कर प्रोत्साहन और पहली बार घर खरीदने वालों के लिए रियायतें कुछ अन्य पहलें हैं जिन पर सेक्टर सरकार से विचार करना चाहेगा."
रजत गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, एमआरजी ग्रुप का कहना है, "आगामी बजट से रियल एस्टेट सेक्टर की प्रमुख अपेक्षाओं में से एक है उद्योग का दर्जा प्रदान करना. यह देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर है. 2024-25 के केंद्रीय बजट से पहले, इस सेक्टर की मुख्य अपेक्षाओं में उद्योग का दर्जा देना और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम शामिल है. सेक्टर सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली के कार्यान्वयन और किफायती आवास पहलों के लिए अधिक समर्थन की उम्मीद कर रहा है."