Budget 2024: देश में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में मुद्रा योजना (Mudra Yojana) के तहत लोन सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने के साथ टैक्स इन्सेंटिव देने की जरूरत है. साथ ही लागत में कटौती और उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कच्चे माल तक आसान पहुंच की सुविधा देने जरूरत है. यह बात विशेषज्ञों ने बजट से पहले अपने सुझाव में कही है.

23 जुलाई को पेश होगा बजट

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लोकसभा में 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश करेंगी. बजट को लेकर उम्मीदों पर, अरका फिनकैप के मुख्य कारोबार अधिकारी (खुदरा और एमएसएमई) नवीन सैनी ने कहा कि सरकार संभवत: एमएसएमई (MSME) के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करने, उनके विकास को बढ़ावा देने के अपने एजेंडा को जारी रखेगी. 

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लोन लिमिट 10 लाख से 20 लाख रुपये करने का सुझाव

उन्होंने कहा, इसे हासिल करने के लिए, उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोन सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने और एमएसएमई के लिए असुरक्षित माने जाने वाले लोन के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने पर विचार करना चाहिए. सैनी ने कहा, ये उपाय एमएसएमई को जरूरी वित्तीय संसाधनों तक अधिक पहुंच प्रदान करेंगे, जिससे वे आगे बढ़ सकेंगे और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे.

भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) की संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन ने कहा, MSME हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. ऐसे में सरकार को इस क्षेत्र के लिए सहायक नीतियां पेश करना महत्वपूर्ण है. इसमें विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE)और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) के माध्यम से वित्त तक आसान पहुंच शामिल हो. 

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टैक्स इन्सेंटिव की जरूरत

उन्होंने कहा, इसके अलावा, उन विनिर्माण इकाइयों के लिए टैक्स इन्सेंटिव की जरूरत है जिनका सालाना कारोबार 1 करोड़ रुपये से कम है. साथ ही लागत में कटौती और अपने उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कच्चे माल तक आसान पहुंच की सुविधा भी दिये जाने की जरूरत है. वेंकटेशन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यह बजट हमारे MSME की जरूरतों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा और समृद्ध भविष्य के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा.

सैटनैव टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अमित प्रसाद ने कहा कि जो एमएसएमई आईपीआर सृजित करने पर केंद्रित हैं, उनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने के लिए कोई औपचारिक फंडिंग प्रक्रिया नहीं है. उन्होंने कहा, आईपीआर आधारित संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें नये कारोबार के विकास को लक्ष्य देना हमारे देश के लिए उल्लेखनीय कदम साबित हो सकता है.