Union Budget 2024: हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है. बजट के जरिए सरकार आने वाले वित्त वर्ष (Financial Year) में आय और खर्चे का पूरा लेखा-जोखा पेश करती है. इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) छठवीं बार बजट पेश करने जा रही हैं. चुनावी साल होने की वजह से इस बार 1 फरवरी को वित्‍त मंत्री अंतरिम बजट पेश करेंगी. पूर्ण बजट चुनाव के बाद नई सरकार पेश करेगी. भारत में बजट पेश करने के इतिहास की बात करें तो ये काफी पुराना है. समय के साथ बजट में भी कई बदलाव किए गए. आइए आपको बताते हैं कि आजादी के बाद से अब तक बजट के मामले में क्‍या-क्‍या बदलाव हुए.

अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी प्रकाशित होने लगा बजट

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साल 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में प्रकाशित होता था. बाद में, 1955-56 से, सरकार ने इसे हिंदी में भी प्रकाशित करना शुरू कर दिया. इसका श्रेय देश के तीसरे वित्‍त मंत्री सीडी देशमुख को जाता है. सीडी देशमुख भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर भी रह चुके हैं. अंग्रेजी हुकूमत ने उन्‍हें भारतीय रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया था. उन्‍होंने 11 अगस्‍त 1943 से 30 जून 1949 तक इस पद को संभाला था.

एनडीए सरकार ने बदला बजट पेश करने का समय

साल 1999 तक बजट को शाम 5 बजे पेश किया जाता था. ये परंपरा ब्रिटिश काल से चली आ रही थी. दरअसल ब्रिटेन में सुबह 11 बजे बजट पेश होता है, ब्रिटिश घड़ी के हिसाब से भारत में बजट पेश करने के लिए शाम पांच बजे का समय निर्धारित किया गया था. आजादी के बाद भी ये परंपरा नहीं बदली गई. लेकिन वित्त वर्ष 1999-2000 के लिए बजट पेश करते समय एनडीए की सरकार में वि‍त्‍त मंत्री यशवंत सिन्‍हा ने इस परंपरा को बदल दिया और 27 फरवरी 1999 को सुबह 11 बजे पेश किया गया. तब से बजट हर साल सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है.

साल 2017 में बदल गई बजट पेश करने की तारीख

साल 2017 से पहले तक बजट हर साल फरवरी के आखिर में पेश किया जाता था. मोदी सरकार में इस परंपरा को बदला गया. साल 2017 में तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार 1 फरवरी को बजट पेश किया था और तब से 1 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा जारी है.

रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया

2016 तक रेल बजट और आम बजट को अलग-अलग पेश किया जाता था, लेकिन 2017 में रेल बजट को आम बजट में ही मिला दिया गया. तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 1 फरवरी, 2017 को आजाद भारत का पहला संयुक्त बजट पेश किया था. इसी के साथ 1924 से चली आ रही रेलवे बजट की प्रथा समाप्त हो गई.

कोरोना के दौरान आया पेपरलेस बजट

आजादी से पहले और आजादी के कई सालों बाद तक बजट के दस्‍तावेजों को रखने के लिए लैदर के ब्रीफकेस या बैग का इस्‍तेमाल किया जाता रहा. लेकिन वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया. कोविड-19 महामारी आने के बाद वर्ष 2021-22 का बजट पेपरलेस यानी कागज-रहित पेश किया.