Union Budget 2024: वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) इस बार छठवीं बार बजट पेश करने जा रही हैं. ये अंतरिम बजट (Interim Budget) है. चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश किया जाता है क्‍योंकि चुनाव के बाद नवगठित सरकार पूर्ण बजट पेश करती है. अंतरिम बजट एक तरह का अस्‍थायी व्‍यवस्‍था है जिसमें नई सरकार के कार्यभार संभालने तक के लिए संसद से जरूरी खर्च के लिए मंजूरी लेनी होती है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि इसे अंतरिम बजट क्‍यों कहा जाता है? 

आजाद भारत का पहला बजट था अंतरिम बजट

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अंतरिम बजट की कहानी भारत की आजादी के बाद संसद में पेश हुए पहले बजट से जुड़ी हुई है. इस बजट को तत्‍कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेट्टी (RK Shanmukham Chetty) ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था. इस बजट में नए नियम और नए टैक्स लागू नहीं किए गए थे. इस बजट 95 दिन बाद पूर्ण बजट पेश किया गया. पूर्ण बजट को पेश करते समय वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेट्टी ने कहा कि इससे पहले जो बजट पेश किया गया था वो अंतरिम था. 

इसके बाद से ही 'अंतरिम बजट' नाम का जुमला निकल पड़ा और छोटी अवधि के लिए पेश किए जाने वाले बजट को अंतरिम बजट कहा जाने लगा. अंतरिम बजट को संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है. इसे वोट ऑन अकाउंट (Vote on the account) भी कहा जाता है.

क्‍यों पेश किया जाता है अंतरिम बजट

सरकार जो पूर्ण बजट पेश करती है, वो 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक के लिए होता है. ऐसे में जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता, तब तक के लिए सरकार को अपने खर्च का इंतजाम करने के लिए अंतरिम बजट पेश करना होता है. अगर सरकार अंतरिम बजट पेश नहीं करेगी तो उनके पास नए वित्त वर्ष के खर्चों के लिए राशि नहीं होगी. संसदीय परंपरा के मुताबिक चुनाव में जा रही सत्तासीन सरकार इस अंतरिम बजट में किसी बड़े खर्च का प्रावधान नहीं करती है. ऐसा इसलिए जिससे देश में गठित होने वाली नई सरकार अपने राजस्व और खर्च को निर्धारित करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र रहे.