Budget 2024: आजादी के बाद से अब तक, बजट के मामले में किसके नाम दर्ज हुए कौन से रिकॉर्ड?
Union Budget 2024: भारत में बजट पेश करने की ये परंपरा काफी पुरानी है. आजादी के बाद से अब तक कई वित्त मंत्री बजट पेश कर चुके हैं. जानिए आजादी के बाद से अब तक बजट के मामले में किसके नाम कौन सा रिकॉर्ड दर्ज हुआ है.
Union Budget 2024: 1 फरवरी को देश का बजट पेश किया जाता है. कुछ ही देर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट (Budget 2023) पेश करेंगी. 11 बजे वित्त मंत्री का बजट भाषण शुरू होगा. वित्त मंत्री इस साल अंतरिम बजट पेश करेंगीं क्योंकि इसी साल चुनाव होने हैं. चुनाव होने के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी. भारत में बजट पेश करने की ये परंपरा काफी पुरानी है. आजादी के बाद से अब तक कई वित्त मंत्री बजट पेश कर चुके हैं. आइए आपको बताते हैं कि तब से अब तक बजट के मामले में किसके नाम कौन सा रिकॉर्ड दर्ज हुआ है.
पहला बजट पेश करने का रिकॉर्ड
भारत में पहली बार बजट 7 अप्रैल, 1860 को अंग्रेजी हुकूमत के समय पेश किया गया था, लेकिन स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया था. आजाद भारत का पहला बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी थे.
सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्तमंत्री
सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम पर दर्ज है. उन्होंने 1962-69 के बीच वित्त मंत्री रहते हुए सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किया. उनके बाद पी चिदंबरम का नाम आता है. पी चिदंबरम ने 9 बार बजट पेश किया है.
पहली बार बजट को हिंदी में छपवाने वाले वित्त मंत्री
वर्ष 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश किया जाता था. कांग्रेस कार्यकाल में वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने बजट में कई ऐतिहासिक बदलाव किए और उन्हीं के कार्यकाल में पहली बार बजट की कॉपी को अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हिंदी में भी छापा गया.
पहली बार बजट पेश करने वाली महिला वित्त मंत्री
पहली बार बजट पेश करने वाली महिला वित्त मंत्री इंदिरा गांधीं थीं. इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश का बजट पेश किया. मोरारजी देसाई के वित्त मंत्रालय से इस्तीफा देने के बाद इंदिरा गांधी ने वित्तीय वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था. वो देश की पहली महिला वित्त मंत्री के तौर पर जानी जाती हैं.
बजट भाषण में सर्वाधिक शब्दों का रिकॉर्ड
साल 1991 में नरसिंहा राव के कार्यकाल में वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने जो भाषण दिया था, उसमें कुल 18,650 शब्द थे. उसके बाद दूसरा स्थान अरुण जेटली का है जिनके 2018 के बजट भाषण में 18,604 शब्द थे. आर्थिक संकट के उस दौर में मनमोहन सिंह का वो बजट आगे चलकर भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ.
सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड
सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है. 2020-21 का बजट पेश करते हुए 2 घंटे 42 मिनट लंबा भाषण दिया था. उस समय उन्होंने जुलाई 2019 में बनाए गए अपने ही 2 घंटे एवं 17 मिनट लंबे भाषण के रिकॉर्ड को ब्रेक किया था.
सबसे छोटे भाषण का रिकॉर्ड
1977 में तत्कालीन वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल ने सबसे छोटा भाषण दिया था. उस समय बजट भाषण 800 शब्दों में सिमट गया था.
बजट का समय और तारीख बदलने वाले वित्त मंत्री
वर्ष 1999 तक बजट भाषण फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम पांच बजे पेश किया जाता था, लेकिन वर्ष 1999 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इसका समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था. वहीं नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बजट पेश करने की तारीख में बदलाव किया गया. साल 2017 से पहले तक बजट को फरवरी के आखिरी महीने में पेश किया जाता था, लेकिन 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को संसद में बजट पेश किया. तब से बजट 1 फरवरी को पेश किया जाता है.
पेपरलेस बजट पेश करने का रिकॉर्ड
कोविड-19 महामारी आने के बाद वर्ष 2021-22 का बजट पेपरलेस यानी कागज-रहित पेश किया गया. पेपरलेस बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम दर्ज है.
पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री
साल 2019 में हुए आम चुनावों के बाद निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया था. तब से अब तक वो 5 पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं. इस तरह निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बन चुकी हैं.