हर साल देश का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाता है. इस साल देश की वि‍त्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) छठवीं बार बजट पेश करेंगी. बजट के जरिए सरकार एक वित्‍त वर्ष (Financial Year) का लेखा-जोखा पेश करती है. साथ ही कई योजनाओं की घोषणा भी करती है. बजट पेश होने से काफी दिन पहले इसके दस्‍तावेजों को फाइनल रूप दे दिया जाता है. 

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फाइनल रूप देने के बाद सरकार पर इसकी सुरक्षा की जिम्‍मेदारी बढ़ जाती है. ऐसे में इन दस्‍तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए इतनी कड़ी व्‍यवस्‍था की जाती है कि कोई परिंदा भी वहां पर नहीं मार सके. आमतौर पर इन बातों की जानकारी आम लोगों के पास नहीं होती है. आइए आपको बताते हैं देश के बजट से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी.

कैसे होती है बजट डॉक्‍यूमेंट्स की सुरक्षा

1. बजट के बेहद गोपनीय दस्‍तावेजों को तैयार करने के दौरान इसमें शामिल अधिकारी और कर्मचारी करीब 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कट जाते हैं. यहां तक कि उन्‍हें अपने घर में जाने की भी परमीशन नहीं होती. जब तक बजट पेश नहीं हो जाता, त‍ब तक इन लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर व्यवस्था चाक-चौबंद होती है.  

2. बजट बनाने और इसकी छपाई से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों का लॉक इन पीरियड हर साल हलवा सेरेमनी के बाद शुरू होता है. हलवा सेरेमनी ऐसी परंपरा है जिसका पालन वर्षों से किया जा रहा है. जिस तरह शुभ काम से पहले मुंह मीठा कराया जाता है, उसी तरह बजट से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन करके मुंह मीठा कराया जाता है.

3. एक बार लॉक इन पीरियड शुरू होने के बाद कोई भी बाहरी व्‍यक्ति वित्‍त मंत्रालय में प्रवेश नहीं कर सकता. मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता. इंटरनेट के इस्‍तेमाल पर पाबंदी रहती है. सिर्फ लैंडलाइन के जरिए ही बातचीत हो पाती है.

4. इन 10 दिनों के बीच अगर कोई कर्मचारी बीमार पड़ जाए तो उसे अस्‍पताल में जाकर इलाज कराने की भी इजाजत नहीं होती है. लॉक इन पीरियड के दौरान मेडिकल सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए सभी सुविधाओं से लैस डॉक्‍टरों की टीम वहां पर मौजूद रहती है.

5. गोपनीय दस्‍तावेजों को किसी भी तरह की हैकिंग के रिस्‍क से बचाने के लिए जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. ये कंप्‍यूटर सिर्फ प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्‍ट होते हैं.