केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश करेंगी. इस बजट को लेकर आम जनता, कारोबारी, नौकरीपेशा को तमाम उम्मीदें हैं. बजट पेश करते हुए कई बार वित्त मंत्री वित्तीय घाटा, विनिवेश जैसे कई शब्दों का इस्तेमाल करती हैं जो लोगों की समझ से बाहर होता है. आम लोगों के लिए इन्हें समझना काफी मुश्किल काम होता है. आज हम आपको बजट पेश होने से पहले कुछ शब्दों का मतलब बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आपके लिए बजट समझना काफी आसान हो जाएगा.

1. वित्त वर्ष (Financial Year)

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हम लोगों के लिए 1 जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक एक साल होता है. वहीं सरकारी कामकाज वित्त वर्ष के आधार पर किए जाते हैं. ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि भारत में एक वित्त वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है.

2. फिस्क्ल पॉलिसी (Fiscal Policy)

बजट के दौरान इस शब्‍द का प्रयोग खूब किया जाता है. इसका मतलब वित्त प्रबंधन के लिए खास उपायों के अपनाने से है. मंहगाई को कंट्रोल करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार अधिक खर्च को नियंत्रित या टैक्स में कटौती करती है. राजकोषीय नीति का मकसद उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसे डालना है. जब उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा पैसे आते हैं तो वे अधिक खर्च करते हैं. इससे आर्थिक विकास का पहिया तेजी से घूमता है. 

3. आपात निधि (Contingency Fund)

Contingency Fund एक ऐसा फंड होता है जिसे आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जाता है. अचानक कोई इमरजेंसी की स्थिति आने पर सरकार इस फंड को खर्च करती है. इससे पैसा निकालने के लिए उसे संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है.

4. रेवेन्यू एक्सपेंडिचर (Revenue Expenditure)

देश को चलाने के लिए सरकार को जिस खर्च की जरूरत होती है, उसे रेवेन्यू एक्सपेंडिचर कहते हैं. कर्मचारियों की सैलरी, मंत्रालयों और विभागों का बिजली, पानी आदि का बिल, सब्सिडी, राज्‍य सरकारों को ग्रांट देने, स्टेशनरी, कम्प्यूटर पर किया जाने वाला खर्च आदि सारे खर्च इसी से किए जाते हैं.

5. कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure)

ऐसा खर्च जिससे सरकार को कमाई होती है, उसे कैपिटल एक्‍सपेंडिचर कहा जाता है. ये खर्च सरकार जमीन खरीदने, स्‍कूल-कॉलेज या कोई बिल्डिंग बनाने, सड़क, अस्‍पताल आदि बनाने आदि एसेट बनाने में करती है. 

6. ब्लू शीट

बजट से जुड़े जरूरी दस्तावेजों और उससे जुड़े जरूरी आंकड़ों की एक नीले रंग की सीक्रेट शीट होती है. इसे ही ब्लू शीट कहा जाता है. इसे बजट प्रक्रिया का बैकबोन कहा जाता है. इसे काफी गुप्त रखा जाता है.

7. रेवेन्यू डेफिसिट (Revenue Deficit)

बजट में रेवेन्यू डेफिसिट शब्द का इस्तेमाल काफी होता है. जब सरकार की इनकम अनुमान के मुकाबले कम रहती है तो उसे रेवेन्यू डेफिसिट कहते हैं. रेवेन्यू डेफिसिट की स्थिति में सरकार के पास पैसे की कमी हो जाती है, इसलिए उसे कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है.