Union Budget 2024: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) इसे छठवीं बार पेश करेंगीं. चुनावी साल में पेश होने जा रहा ये अंतरिम बजट है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बजट के जरिए सरकार अगले वित्त वर्ष में किए जाने वाले विकास का खाका पेश कर सकती है. देश के हर वर्ग के लोगों को आने वाले इस बजट से काफी उम्‍मीदें हैं. 

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बताया जा रहा है कि सरकार का इस बार का बजट गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए बहुत खास हो सकता है. इनके लिए बजट में कई बड़े ऐलान भी किए जा सकते हैं. इस कारण से बजट को तमाम लोग GYAN (गरीब, युवा, अन्‍नदाता, नारी) का बजट भी कह रहे हैं. जानिए इस साल के बजट में क्‍या घोषणाएं संभव हो सकती हैं-

बजट में हो सकती हैं ये 10 बड़ी घोषणाएं

  • घर के लिए Interest Subvention Scheme की घोषणा हो सकती है.
  • NPS को आकर्षक बना सोशल सिक्योरिटी बढ़ाने पर फोकस रहने की उम्‍मीद.
  • बजट में किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी संभव, सम्मान निधि को बढ़ाकर 8000 से 9000 तक किया जा सकता है.
  • किसानों के लिए फसल के साथ स्वास्थ्य और जीवन बीमा का भी प्रस्ताव संभव है.
  • महिलाओं के लिए बजट एलोकेशन में बढ़ोतरी की जा सकती है. पिछले 10 सालों में 30% एलोकेशन बढ़ा है.
  • महिलाओं के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर जैसी योजना संभव है.
  • महिलाओं के लिए कौशल विकास की योजना संभव है.
  • महिला किसानों के लिए सम्मान निधि 12 हजार तक की जा सकती है.
  • मनरेगा के लिए महिलाओं को विशेष आरक्षण और अधिक मानदेय की उम्‍मीद है.
  • इसके लिए महिलाओं को ब्याज रहित लोन की पेशकश की जा सकती है.

31 जनवरी को आ सकता है आर्थिक सर्वेक्षण

बता दें कि संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और 9 फरवरी तक चलेगा. 31 जनवरी को राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगी. बजट सत्र में राष्‍ट्रपति के संबोधन के बाद आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को भी 31 जनवरी को ही पेश किया जाएगा. इकोनॉमिक सर्वे (Economic survey) किसी लेखा-जोखा की तरह होता है जिसमें देश के पिछले एक साल के हिसाब-किताब के आधार पर अगले साल का बजट तैयार करने की रूपरेखा तय की जाती है. 

इसके आधार पर यह अंदाजा लगाया जाता है कि पिछले एक साल से अंदर देश की अर्थव्यवस्था किस तरह की रही. किन मोर्चों पर फायदा मिला और कहां नुकसान हुआ. इसी इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर यह तय किया जाता है कि आने वाले साल में देश की अर्थव्यवस्था के अंदर किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं. इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था का पूर्वानुमान लगाया ही जाता है, साथ ही यह भी अंदाजा लगाया जाता है कि पिछले साल के आधार पर क्या महंगा होगा और क्या सस्ता हो सकता है.