Budget 2023: आम चुनाव से पहले मोदी सरकार इस साल बजट पेश करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का बजट संसद में पेश करेंगी. इसमें सरकार जरूरत के लिहाज से रकम आवंटन करेगी. जैसे सरकार की किस स्कीम में कितनी रकम की आवश्यकता है या फिर किस सेक्टर को बूस्ट करना है और इसके लिए कितनी आर्थिक जरूरत है? इस पर इकोनॉमिस्ट और मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श करके सरकार रकम का आवंटन करती है. लेकिन यहां यह समझना जरूरी है कि सरकार अपनी कुल कमाई में से कितनी रकम कहां खर्च करती है?

कहां खर्च करती है भारत सरकार?

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FY22 में जारी बजट डॉक्युमेंट्स के मुताबिक सरकार अपनी कुल कमाई का ज्यादातर हिस्सा ब्याज भुगतान पर खर्च करती है. इसके बाद टैक्स और ड्यूटीज में राज्यों के हिस्से का पेमेंट करती है. फिर सेंट्रल सेक्टर की स्कीमों पर खर्च करती है. अब अगर इसे हम उदाहरण से समझें तो मान लेते हैं कि सरकार का कुल खर्च 1 रुपए है, तो 

खर्च                                              ₹1 में हिस्सा  

ब्याज भुगतान                                  20 पैसे                                        

टैक्स-ड्यूटी में राज्यों का हिस्सा           17 पैसे

सेंट्रल सेक्टर स्कीम                          15 पैसे

फाइनेंस कमीशन और अन्य ट्रांसफर्स  10 पैसे

सेंट्रली स्पॉसंर्ड स्कीम                        9 पैसे                

सब्सिडीज                                       8 पैसे

डिफेंस                                            8 पैसे

अन्य खर्च                                         9 पैसे

पेंशन                                              4 पैसे

फिस्कल डेफिसिट क्या होता है?

मौजूदा वित्त वर्ष (FY23) के लिए सरकार का कुल अनुमानित खर्च 3944909 करोड़ रुपए का अनुमान है. अब अगर यह आंकड़ा सरकार की कुल इनकम से ज्यादा होगी, तब ऐसी स्थिति में सरकार कर्ज लेती है. तय बजट और उससे ज्यादा होने वाले खर्च को फिस्कल डेफिसिट कहते हैं. 

 

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