Budget Expectations 2023: जहां तक भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) इंडस्ट्री का संबंध है, बीता साल बेहद खास था, क्योंकि तिपहिया सेगमेंट में ईवी वाहनों ने पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को पीछे छोड़ दिया. यह बात काइनेटिक ग्रीन के संस्थापक सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने कही. न्यूज एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, पिछले साल के केंद्रीय बजट की तरह, जो ईवी उद्योग के लिए पॉजिटिव था, इस साल भी उन्हें उम्मीद है कि यह इस क्षेत्र के पक्ष में होगा. मोटवानी ने कहा कि साल 2022 भारत में ईवी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण साल था. उद्योग ने तिपहिया क्षेत्र में ईवी की संख्या आईसीई (OCE) से ज्यादा देखी, ईवी (electric vehicles) की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, और देश में ईवी कम्पोनेंट मैनुफैक्चरिंग की शुरुआत हुई.

फेम-2 आगे भी रहे जारी तो मिलेगा फायदा

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खबर के मुताबिक, भारत ईवी क्रांति की ओर मजबूती से बढ़ रहा है, लेकिन सप्लाई चेन की अड़चनों ने इसे सीमित कर दिया है. फेम-2 के अगले तीन से पांच सालों के विस्तार के साथ ई-मोबिलिटी के लिए समर्थन (Budget Expectations 2023) जारी रहना चाहिए. यह 20-25 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ईवी को मुख्यधारा बनाकर भारत में ईवी सेगमेंट के लिए लंबे समय  के लिए नींव तैयार करने में मदद करेगा. मोटवानी ने कहा कि यह उल्लेख करना जरूरी है कि फेम ने ईवी पैठ बढ़ाने में मदद की है, लेकिन हमने अभी सिर्फ पांच प्रतिशत पैठ हासिल की है. अगर सब्सिडी नहीं बढ़ाई जाती है, तो ईवी की लागत में काफी वृद्धि होगी और यह ई-मोबिलिटी मूवमेंट में देरी और पटरी से उतरेगी.

बैटरी सेल पर आयात शुल्क कम करने का भी आग्रह

इंडस्ट्री की सरकार से लोकल लेवल पर प्रोडक्शन शुरू होने तक ईवी मिशन का समर्थन करने के लिए 3-4 साल के लिए बैटरी सेल पर आयात शुल्क कम करने का भी आग्रह किया. मोटवानी ने कहा कि भारत ने ईवी को मोबिलिटी सॉल्यूशन के रूप में अपनाना शुरू कर दिया है, और सरकार से लगातार समर्थन के साथ हम आने वाले दशक में बड़ी तरक्की करेंगे. ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष, नागेश बसवनहल्ली के अनुसार सभी ईवी कम्पोनेंट्स पर एक समान पांच प्रतिशत जीएसटी होना चाहिए और एक उल्टे शुल्क ढांचे से बचना चाहिए, जो ईवी कंपनियों के लिए कार्यशील पूंजी में धन को अवरुद्ध करता है.

PLI Scheme को बेहतर बनाए सरकार

एचओपी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के संस्थापक और सीईओ केतन मेहता ने कहा कि सरकार को पीएलआई योजना (PLI Scheme) को सुव्यवस्थित करना चाहिए, इस प्रकार प्रावधानों और संबंधित लाभों में स्पष्टता लाई जानी चाहिए. मेहता ने कहा, फेम-2 योजना को ज्यादा स्पष्टता के साथ परिभाषित किया जाएगा और उत्पाद विकास में इनोवेशन सुनिश्चित करने और ईवी (electric vehicles)अपनाने को बढ़ाने के लिए समावेशी होगा. स्थापित खिलाड़ियों और सेगमेंट में स्टार्ट-अप के बीच एक स्तर का खेल मैदान है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार (Budget Expectations 2023) को इस्तेमाल में आसानी के लिए यूनिवर्सल बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना चाहिए.

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