Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट (Budget 2023-2024) पेश करेंगी. इस बजट से आम आदमी और कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट कैसे बनता है और इसे बनाने के लिए किस बातों पर फोकस किया जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं.

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कैसे तैयार होता है देश का बजट?

बजट की तैयारियों में राजस्व विभाग, उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों, किसान संघों, ट्रेड यूनियनों, इकोनॉमिस्ट जैसे अलग-अलग सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स के साथ वित्त मंत्री चर्चा करती हैं. बजट की तैयारी के पहले हिस्से में आर्थिक मामलों के विभाग की बजट डिवीजन द्वारा सभी मंत्रालयों, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों और रक्षाबलों को सर्कुलर भी जारी किया जाता है. बजट बनाने में सबसे बड़ा योगदान वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और दूसरे मंत्रालयों का होता है.

लोगों की सुझावों से तैयार होता है बजट

बजट बनाने में वित्त मंत्रालय इंडस्ट्रीज, कॉरपोरेट और आम आदमी से भी सुझाव मांगता है. अलग-अलग सुझावों को देखकर अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बजट डॉक्यूमेंट तैयार किया जाता है. बजट बनाने की प्रक्रिया में करीब 100 लोगों की टीम काम करती है. बजट आने से 10 दिन पहले इन लोगों को नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस (वित्त मंत्रालय का मुख्यालय) में ही रहना होता है. बजट बनाते वक्त सरकार किसानों, युवाओं और मध्यम वर्ग के लोगों की हितों का ध्यान रख सकती है. बजट में सरकार को राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को कम करने के उपाय पर भी विचार करना होता है.

बैठक के बाद  तैयार होता है ब्लूप्रिंट

सर्कुलर में उनसे फाइनेंशियल ईयर के लिए उनके खर्चों का अनुमान लगाते हुए जरूरी रकम बताने के लिए कहा जाता है. इसके बाद अलग-अलग विभागों के बीच रकम देने पर चर्चा की जाती है. इसके बाद यह चर्चा होती है कि किस विभाग को कितनी रकम का आवंटन किया जाए. इसे तय करने के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक करते हुए एक ब्लूप्रिंट तैयार करता है. फिर मीटिंग में सभी मंत्रालय के सीनियर अधिकारी फंड आवंटन के लिए वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा करते हैं.

बजट का क्या मकसद होता है?

सरकार की आय (Government Income) के प्रमुख स्रोत टैक्स और राजस्व, सरकारी शुल्क, जुर्माना, डिविडेंड (Dividend Income), दिए गए कर्ज पर ब्याज आदि शामिल हैं. चूंकि हर साल फरवरी में देश का केंद्रीय बजट पेश होता है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि बजट के जरिए सरकार का क्या मकसद क्या होता है?

  • इनकम के साधन बढ़ाते हुए अलग-अलग स्कीम के लिए फंड रिलीज करना
  • देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को गति देने के लिए योजनाएं तैयार करना
  • देश नागरिकों की आर्थिक स्थिति में सुधारने के लिए गरीबी और बेरोजगारी को कम करने के लिए योजनाएं बनाना
  • देश में आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए फंड जारी करना, जिसमें रेल, बिजली, सड़क जैसे सेक्टर शामिल हैं