Budget 2023: देश की वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को देश का बजट पेश करेंगी. बजट से एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है. इकोनॉमिक सर्वे में देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है. जिसके आधार पर यह अंदाजा लगाया जाता है कि पिछले एक साल से अंदर देश की अर्थव्यवस्था किस तरह की रही. हर साल इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) बजट से एक दिन पहले पेश होता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि पहले ये बजट के साथ ही पेश किया जाता था. जानिए इसका इतिहास और इसके मायने.

क्‍यों बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है?

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साल 1947 में जब देश आजाद हुआ तब आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे को बजट के साथ ही पेश किया जाता था. लेकिन 1964 में इसे अलग कर दिया गया था और इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा. तब से आज त‍क इकोनॉमिक सर्वे को बजट से एक दिन पहले ही पेश करने का नियम कायम है.

ये क्‍यों जरूरी होता है?

इकोनॉमिक सर्वे कई मायनों में जरूरी होता है. ये एक तरीके से हमारी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए डायरेक्‍शन देने का काम करता है क्‍योंकि इससे अंदाजा लगता है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था कैसी चल रही है और इसमें क्‍या सुधार करना चाहिए. इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर ही सरकार को कई तरह के सुझाव भी दिए जाते हैं. 

क्‍या सरकार के लिए इकोनॉमिक सर्वे पेश करना जरूरी है?

इकोनॉमिक सर्वे की काफी अहमियत होती है क्‍योंकि इसके जरिए बीते साल की अर्थव्‍यवस्‍था का लेखा-जोखा होता है. लेकिन फिर भी इकोनॉमिक सर्वे पेश करने की सरकार के सामने कोई बाध्‍यता नहीं होती है और न ही सरकार दिए गए सुझावों और सिफारिशों को मानने के लिए बाध्‍य होती है. सरकार चाहे तो उनमें से कुछ सुझाव मान सकती है और चाहे तो सभी को खारिज कर सकती है. लेकिन इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर इस बात का अंदाजा लग जाता है कि आने वाले समय में क्या महंगा होगा और क्या सस्ता हो सकता है.

कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे?

फाइनेंस मिनिस्‍ट्री के अंतर्गत एक विभाग होता है इकोनॉमिक अफेयर्स और इकोनॉमिक अफेयर्स के अंतर्गत इकोनॉमिक डिवीजन होता है. इसी इकोनॉमिक डिवीजन के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर यानी CEA की देख-रेख में इकोनॉमिक सर्वे तैयार किया जाता है. इकोनॉमिक सर्वे को तैयार करते समय नीतिगत विचार, आर्थिक मापदंडों पर प्रमुख आंकड़े, गहराई से व्यापक आर्थिक रिसर्च और क्षेत्रवार आर्थिक रुझानों का गहन विश्लेषण शामिल होता है. ये सभी पैमाने मिलाकर एक रिपोर्ट तैयार की जाती है.

 

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